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बिहार में एनडीए सरकार बनवाने में अरुण जेटली की थी भूमिका: सुशील मोदी

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली कुशल रणनीतिकार, बेहतर चुनाव प्रबंधक और पार्टी के मार्गदर्शक थे। वे राजनीतिक एजेंडा तैयार करते थे। साथ ही सूचना के खान थे। बिहार...

बिहार में एनडीए सरकार बनवाने में अरुण जेटली की थी भूमिका: सुशील मोदी
पटना हिन्दुस्तान टीमSun, 01 Sep 2019 01:40 PM
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उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली कुशल रणनीतिकार, बेहतर चुनाव प्रबंधक और पार्टी के मार्गदर्शक थे। वे राजनीतिक एजेंडा तैयार करते थे। साथ ही सूचना के खान थे। बिहार में एनडीए की सरकार बनवाने और चलवाने में उनकी बड़ी भूमिका थी। वह शनिवार को एसके मेमोरियल हॉल में अरुण जेटली की श्रद्धांजलि सभा में बोल रहे थे। 
उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरदार पटेल ने देसी रियासतों का विलय कराकर राष्ट्र का एकीकरण किया, वैसे ही जीएसटी लागू कर अरुण जेटली ने आर्थिक एकीकरण किया। अगर जेटली नहीं होते तो ‘एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार’ की अवधारणा पर आधारित जीएसटी को लागू करना असंभव था। वर्ष 1989 में श्री जेटली को एडिशनल सॉलिसिटर जनरल बनाया गया था। 

मोदी ने कहा कि स्वीट्जरलैंड तक जाकर जेटली ने बफोर्स का मुकदमा लड़ा। दिल्ली के सबसे बड़े आयकर दाता श्री जेटली खाने के शौकीन थे। व्यक्तिगत संबंधों को निभाने वाले जेटली के पास नौकरशाह, राजनेता, उद्योगपति, पत्रकार आदि के बारे में काफी जानकारियां रहती थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वीडियो भी दिखाया गया इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वीडियो भी दिखाया गया, जिसमें उन्होंने अरुण जेटली के निधनर पर शोक व्यक्त किया था। जेटली के जीवन पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री का प्रदर्शन किया गया और भजन की प्रस्तुति हुई। इस दौरान कई बार अरुण जेटली अमर रहे के नारे गूंजे। 

भारत रत्न मिले 
लोजपा सांसद पशुपति कुमार पारस ने कहा कि अरुण जेटली को भारत रत्न की उपाधि से नवाजा जाना चाहिए। इसका आग्रह उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किया। साथ ही कहा कि हम आग्रह करते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसकी अनुशंसा भारत सरकार से करें। श्रद्धांजलि देने वालों में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, राज्य सरकार के मंत्री श्रवण कुमार, कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, सांसद रामकृपालय यादव, मेयर सीता साहू, संजय सिंह, संजय मयूख, छोटू सिंह, नंदकिशोर कुशवाहा, सुबोध यादव, ओम प्रकाश सिंह सेतु आदि थे।

जेटली से हमारा विशेष लगाव था
पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वर्ष 1998 में अटल जी की सरकार में मुझे काम करने का मौका मिला। उस समय से अरुण जेटली से हमारा विशेष लगाव रहा। वर्ष 2005 में वह बिहार भाजपा के प्रभारी बने। 2005 फरवरी के चुनाव में तबीयत खराब होने के बाद उनका ऑपरेशन हुआ और फिर दोबारा उन्होंने उसी ऊर्जा से 2005 नवम्बर के चुनाव में भी अपनी भूमिका निभाई। वे एक-एक चीज पर चर्चा करते थे।  मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ वर्षों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी, लेकिन उनकी स्मरण शक्ति पर इसका फर्क नहीं पड़ा था। वह एक-एक बात याद रखते थे। अरुण जी से सीखने को मिलता है कि जो भी मतभेद हों, बातचीत के जरिये उसका समाधान निकाला जा सकता है। उनके चले जाने से मुझे बहुत तकलीफ हुई है। उनके निधन से बिहार ही नहीं पूरे देश को नुकसान हुआ है।

बिहारियों से खास प्रेम था 
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सभी कार्यकर्ता अरुण जेटली को अपने नजदीक पाते थे। सभी उनका सम्मान और इज्जत करते थे। ऐसी प्रतिभा बहुत कम ही नेताओं में होती है। बिहार और बिहारियों से उनका खास लगाव था। जदयू सांसद आरसीपी सिंह ने कहा कि अरुण जेटली ने बहस के स्तर को संसद में ऊंचा किया। दिल्ली के लोधी गार्डेन में वे टहलने के दौरान एक जगह लोगों से बात करते थे। उस जगह को लोग जेटली प्वाइंट कहते थे, जो अब सुना पड़ा रहता है। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि 2005 के बिहार चुनाव में सीटों को लेकर विवाद था, जिसे खत्म करने में अरुण जेटली की मुख्य भूमिका रही। 

कठिन परिस्थितियों में भी सरलता से बताते थे समाधान
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि अरुण जेटली दर्द में भी मुस्कुराते थे। उनका जाना देश, एनडीए, पार्टी और खासकर बिहार के लिए बड़ी क्षति है। उनका व्यक्तित्व हमलोगों को सदा प्रेरणा देता रहेगा। कठिन परिस्थिति में भी हमलोगों को बड़ी सरलता से उसका समाधान बता देते थे। निधन के बाद भी उनके चेहरे पर जो तेज था, वह उनके ओजस्वी और यशस्वी जीवन को बयां कर रहा था। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि मुश्किल से मुश्किल काम को बड़े ही सहज अंदाज में पूरा करते थे। मुख्य रूप से बिहार में एनडीए के वे स्तंभ थे। मंगल पांडेय, नंदकिशोर यादव, प्रेम कुमार, संजय झा, सांसद सीपी ठाकुर, गोपाल नारायण सिंह, भाजपा संगठन के महामंत्री नागेंद्र पांडेय आदि ने भी विचार रखे।

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