फ्लोर टेस्ट से पहले बीजेपी MLA की कार्यशाला से जुड़ेंगे अमित शाह, जेडीयू ने विधायक दल की बैठक बुलाई
बिहार में एनडीए सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले सियासत चरम पर है। अमित शाह बीजेपी विधायकों को संबोधित करने वाले हैं। वहीं, नीतीश ने पटना में जेडीयू विधायक दल की बैठक बुलाई है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का बहुमत परीक्षण बिहार विधानसभा में 12 फरवरी को होगा। इससे पहले बीजेपी ने अपने सभी विधायकों को गया शिफ्ट कर दिया है। बीजेपी ने बोधगया में विधायकों के लिए कार्यशाला आयोजित की है, इसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ऑनलाइन संबोधित करेंगे। वहीं, बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू भी विधायकों को एकजुट करने की कवायद में जुट गई है। जेडीयू ने फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले 11 फरवरी को पटना में विधायक दल की बैठक बुलाई है। दूसरी ओर, आरजेडी दावा कर रही है कि बिहार में फ्लोर टेस्ट के दिन 'खेला' हो सकता है।
फ्लोर टेस्ट से पहले बीजेपी ने गया जिले के बोधगया में शनिवार और रविवार को वर्कशॉप बुलाई है। इसमें पार्टी के सभी विधायक और अन्य नेता भी मौजूद रहेंगे। बीजेपी विधायकों का वर्कशॉप के लिए बोधगया पहुंचना शुरू हो गया है। इस कार्यक्रम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी संबोधित करेंगे।
बिहार बीजेपी के अध्यक्ष एवं डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि पार्टी का यह कार्यक्रम पहले से तय था। इसमें शामिल होने के बाद सभी विधायक रविवार शाम में पटना पहुंच जाएंगे और सोमवार से शुरू होने वाले बजट सत्र में शामिल होंगे। आरजेडी के खेला होगा वाले दावे पर सम्राट ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। फ्लोर टेस्ट बहुत ही आसानी से पूरा हो जाएगा क्योंकि एनडीए के पास बहुमत का पूरा आंकड़ा है।
दूसरी ओर, जेडीयू ने भी अपने विधायकों को पटना बुला लिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री विजय कुमार चौधरी के आवास पर रविवार को जेडीयू विधायक दल की बैठक होगी। इसके साथ में रात्रिभोज का भी आयोजन होगा। डिनर मंत्री श्रवण कुमार के घर पर हो सकता है।
जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने आरजेडी के खेला होगा के दावे पर कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। हमारी पार्टी एकजुट है, अगर जेडीयू के किसी विधायक को दूसरी पार्टी संपर्क कर रही है तो वह आगे आए और कहे। आरजेडी नेतृत्व बेचैन है और हम उसकी मदद नहीं कर सकते हैं।
आरजेडी के स्पीकर इस्तीफा नहीं देने पर अड़े
आरजेडी से महागठबंधन की सरकार के दौरान स्पीकर बनाए गए अवध बिहारी चौधरी ने राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भी आ गया है। मगर अवध बिहारी चौधरी ने इसे दरकिनार कर दिया। इससे यह माना जा रहा है कि आरजेडी आसानी से हार मानने के मूड में नहीं है और एनडीए की नब्ज का परीक्षण करना चाहती है।
हालांकि, 2022 में भी ऐसी ही स्थिति पैदा हुई थी तब तत्कालीन स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था। मगर जब विधानसभा का सत्र बुलाया गया तो उन्होंने विश्वास मत पर वोटिंग होने से पहले ही पद छोड़ दिया।
बता दें कि बिहार विधानसभा में 12 फरवरी को नीतीश सरकार का बहुमत परीक्षण होगा। 243 सदस्यों वाली विधानसभा में एनडीए के पास 128 विधायकों का समर्थन है, जिसमें से बीजेपी और जेडीयू के अला्वा HAM के चार और एक निर्दलीय विधायक भी शामिल है।
राजनीतिक विश्लेषक एवं एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज के पूर्व डायरेक्टर डीएम दिवाकर का कहना है कि एनडीए के पास स्पष्ट बहुमत है, लेकिन कुछ भी हो सकता है। राजनीति में कोई भी चांस नहीं लेना चाहता है। इसलिए इस समय किसी भी तरह का रिस्क न लेते हुए कैबिनेट विस्तार को भी टाल दिया गया है।