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दिल्ली की राह पर पटना: 284 पर पहुंचा एक्यूआई, इन जिलों की हवा हुई बेहद खराब, नहीं हो रहे रोकथाम के उपाय

पटना का वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार बढ़ रहा है। बढ़ने का अर्थ है पटना की हवा का खराब होना। गुरुवार को पटना का सूचकांक 284 हो गया है। दो दिन पहले पटना का सूचकांक 264 था। हर दिन सूचकांक बढ़ने का असर पटना...

दिल्ली की राह पर पटना: 284 पर पहुंचा एक्यूआई, इन जिलों की हवा हुई बेहद खराब, नहीं हो रहे रोकथाम के उपाय
वरीय संवाददाता,पटनाFri, 26 Nov 2021 07:00 AM

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पटना का वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार बढ़ रहा है। बढ़ने का अर्थ है पटना की हवा का खराब होना। गुरुवार को पटना का सूचकांक 284 हो गया है। दो दिन पहले पटना का सूचकांक 264 था। हर दिन सूचकांक बढ़ने का असर पटना की हवा पर पड़ रहा है। हवा बहुत खराब स्थिति में पहुंच गई है। यही हाल रहा तो बहुत जल्द पटना की हवा सीवियर श्रेणी यानी खतरनाक श्रेणी में आ जाएगी। शहर की करीब 80 फीसदी हवा प्रदूषित हो चुकी है।

मौजूदा हालात से यही लग रहा है कि पटना में बढ़ते वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए कोई खास पहल नहीं की जा रही है। सड़कों पर पानी का छिड़काव, सड़कों की सफाई नियमित रूप से नहीं की जा रही है। सड़कों के किनारे एक ईंच तक धूलकण की मोटी परत बनी हुई है। वहीं, तापमान कम होने और हवा नहीं चलने के कारण परिवेशीय वायुमंडल में धूलकण तैर रहे हैं। 

नगर निगम द्वारा खरीदे गए एंटी स्मॉग गन का उपयोग नहीं किया जा रहा है। पटना के छह में से पांच प्रमुख क्षेत्रों की हवा बहुत खराब हो चुकी है। पटना शहरी क्षेत्र में दानापुर का सूचकांक 320, एयरपोर्ट और संजय गांधी जैविक उद्यान 330, गांधी मैदान 310, राजधानी वाटिका 335 और तारामंडल, डाकबंगला क्षेत्र 340 और पटना सिटी में 155 सूचकांक है। इन क्षेत्रों में पटना सिटी को छोड़कर सभी क्षेत्रों की हवा बहुत खराब हो चुकी है। वहीं, अभी से इन क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए गंभीर प्रयास नहीं किया गया है। 

राज्य में छपरा की हवा हुई बहुत खराब

छपरा का वायु गुणवत्ता सूचकांक 356 हो गया है। मुजफ्फरपुर का 338, सीवान का 303, मोतिहारी 300, पूर्णिया का 267, भागलपुर का 288, राजगीर का 248, सासाराम 228 है। वहीं, प्रदेश में छपरा की हवा बहुत ही खतरनाक हो चुकी है, जबकि गया की हवा अभी उक्त शहरों से कम खराब है। गया का वायु गुणवत्ता सूचकांक 173 है। 

रोकथाम के खास उपाय नहीं

बैठक में जारी दिशा-निर्देश के अलावा राजधानी की हवा साफ रखने के लिए कोई खास उपाय नहीं हो रहा है। सिर्फ बेली रोड पर मशीन से सड़क किनारे धूलकण की सफाई हो रही है। बाकी शहर में वाहन निकलते ही सड़क किनारे धूल उड़ने लगती है। खटारा वाहनों पर लगाम नहीं है। खुले में निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी है। इसके अलावा ज्यादातर मोहल्लों में  पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़क खोद दी गई है, इससे आसपास धूल उड़ती रहती है।

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