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मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी में 100 करोड़ के घपले की आशंका, धड़ल्ले से हुआ यूजीसी के फंड का इधर-उधर

बीआरए बिहार विवि के कॉलेजों को यूजीसी और दूसरी सरकारी एजेंसियों से मिली अनुदान की राशि जांच के घेरे में आ गई है। निगरानी ने इसमें गड़बड़ी की आशंका जताते हुए रिपोर्ट तलब की है। मुकेश कुमार नाम के...

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी में 100 करोड़ के घपले की आशंका, धड़ल्ले से हुआ यूजीसी के फंड का इधर-उधर
हिन्दुस्तान ब्यूरो,मुजफ्फरपुरSun, 28 Nov 2021 10:07 AM

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बीआरए बिहार विवि के कॉलेजों को यूजीसी और दूसरी सरकारी एजेंसियों से मिली अनुदान की राशि जांच के घेरे में आ गई है। निगरानी ने इसमें गड़बड़ी की आशंका जताते हुए रिपोर्ट तलब की है। मुकेश कुमार नाम के व्यक्ति की शिकायत के बाद निगरानी ने शिक्षा विभाग से और फिर उच्च शिक्षा निदेशक ने विवि प्रशासन को पत्र भेजकर अनुदान राशि के खर्च की पूरी जानकारी मांगी थी। विभाग के निर्देश के बाद विवि ने सभी अंगीभूत और संबद्ध कॉलेजों से दस वर्ष में कितनी राशि खर्च हुई इसका हिसाब मांगा गया है।

यूजीसी की ओर से लाइब्रेरी, इंफ्रास्ट्रक्चर, खेल कूद के स्टेडियम और स्वीमिंग पुल बनाने के लिए एक कॉलेज दो करोड़ रुपये दिए थे। लेकिन, इस राशि से न तो कॉलेजों में स्वीमिंग पुल बना और न लाइब्रेरी के लिए किताबें आयीं। निगरानी में शिकायत की गई है कि इस राशि का इस्तेमाल कॉलेज और इसके प्राचार्यों ने दूसरे मद में कर दिया और राशि की घपलेबाजी की गई है। जिन वर्षों के राशि खर्च पर सवाल उठ रहे हैं उस समय बिहार विवि में 56 कॉलेज थे। यानी 100 करोड़ से अधिक राशि के खर्च में गड़बड़ी की आशंका है।

गड़बड़ी के आरोप में कुछ कॉलेजों की हो चुकी है जांच

यूजीसी की राशि की गड़बड़ी के आरोप में बिहार विवि के कुछ संबद्ध कॉलेजों की जांच भी हो चुकी है। इन कॉलेजों पर आरोप था कि उन्होंने यूजीसी से मिली राशि का गलत इस्तेमाल किया और उसकी गलत सूचना यूजीसी को दी। राशि की उपयोगिता में भी हेरफेर का आरोप इन कॉलेजों पर लग चुका है। इन कॉलेजों की जांच के लिए कमेटी बनाई गई थी।

हिसाब मांगने पर कॉलेजों ने दिए ऑडिट रिपोर्ट 

विवि के एक अधिकारी ने बताया कि निगरानी के पत्र के बाद कॉलेजों से 10 वर्षों का हिसाब मांगा गया तो कुछ कॉलेजों ने ऑडिट रिपोर्ट दे दी। इसमें यह नहीं बताया गया कि जो राशि उन्हें मिली थी वह किस मद में खर्च की गई। ऐसे कॉलेजों के भेजे जवाब को रोक कर रखा गया है। इन्हें दोबारा से नोटिस भेजने की तैयार की जा रही है।

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