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कोरोना से लड़ाई: बिहार में कोरोना संदिग्धों के 800 सैंपल आ रहे रोज, 600 की हो रही जांच

बिहार में नॉवेल कोरोना महामारी के संदिग्ध मरीजों के करीब 600 सैम्पल की जांच प्रतिदिन की जा रही है, जबकि वर्तमान में सभी जिलों से करीब 800 सैम्पल एकत्र होकर जांच केंद्रों पर पहुंच रहा है। अभी दो...

कोरोना से लड़ाई: बिहार में कोरोना संदिग्धों के 800 सैंपल आ रहे रोज, 600 की हो रही जांच
पटना कौशलेंद्र मिश्रSat, 04 Apr 2020 08:05 AM
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बिहार में नॉवेल कोरोना महामारी के संदिग्ध मरीजों के करीब 600 सैम्पल की जांच प्रतिदिन की जा रही है, जबकि वर्तमान में सभी जिलों से करीब 800 सैम्पल एकत्र होकर जांच केंद्रों पर पहुंच रहा है। अभी दो केंद्रों पर नियमित सैम्पल की जांच हो रही है। तीसरे केंद्र में भी सैम्पल की जांच की प्रक्रिया शुक्रवार से नियमित रूप से शुरू कर दी गयी।

बिहार में कोरोना के संक्रमण की रोकथाम और जांच की गति तेज करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक तैयारी की है। स्वास्थ्य सचिव सह राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि आरएमआरआई, पटना में रोज औसतन  350 सैम्पल और आईजीआईएमएस, पटना में दो शिफ्ट में औसतन 150-180 सैम्पल की जांच हो रही है। इसके अतिरिक्त दरभंगा  मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ट्रायल रन के पूरा होने के बाद अब 60-70 सैम्पल की जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। भविष्य की आवश्यकता को देखते हुए केंद्र सरकार से और जांच किट, पीपीई किट, एन 95 मास्क उपलब्ध कराने की मांग की गई है। 

जांच की गति तेज होते ही किट की कमी होगी 
राज्य में कोरोना वायरस की जांच की गति तेज होते ही किट की किल्लत होगी। सूत्रों ने बताया कि शुरुआत में सभी जिलों को तीन हजार सैम्पल रखने के लिये और आरएमआरआई को 750 जांच किट उपलब्ध कराए गए थे। वहीं, 10 हजार जांच किट हाल ही में केंद्र सरकार ने फिर उपलब्ध कराए हैं। ऐसे में फिलहाल जांच किट की कमी नहीं हैर्। ंकतु जब पीएमसीएच और डीएमसीएच में भी पूरी तरह जांच प्रक्रिया शुरू हो जाएगी तो कमी अवश्य होगी।

48 घंटे में दो बार मरीज के सैंपल की जांच की जाती है
राज्य स्वास्थ्य समिति के सूत्रों ने बताया कि कोरोना के एक सैम्पल की जांच में करीब 7 से 8 घंटे का समय लगता है। सैम्पल में जांच को लेकर आरएनए को डालने में 4 घंटे का समय लगता है, उसके बाद मशीन से उसकी जांच में 3 से 4 घंटा समय लगता है। एक मरीज का 48 घंटे के बाद पुन: सैम्पल लेकर जांच की जाती है। लगातार 2 रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उसे मुक्त घोषित किया जाता है।

पीएमसीएच में जल्द शुरू होगी जांच
विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जांच केंद्रों की क्षमता तत्काल प्रतिदिन 900 से अधिक करने की तैयारी है। डीएमसीएच की क्षमता को 60-70 से बढ़ाकर 150-180 जल्द ही हो जाएगी। वहीं, पीएमसीएच में भी जांच की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। यहां 150 से 180 सैम्पल की जांच रोज हो सकेगी। 

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