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आज ही मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर नया गठित करें, जीतनराम मांझी की सीएम से मांग

बिहार में 75 फीसदी आरक्षण लागू को गया है। इस बीच जीतनराम मांझी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वर्तमान राज्यमंत्रिमंडल को बर्खास्त कर जाति के आबादी के अनुरूप नए मंत्रिपरिषद का गठन करें। 

आज ही मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर नया गठित करें, जीतनराम मांझी की सीएम से मांग
Malay Ojhaहिन्दुस्तान,पटनाTue, 21 Nov 2023 08:47 PM
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बिहार में 75 फीसदी आरक्षण लागू हो गया है। बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों से पारित आरक्षण (संशोधन) विधेयक पर बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर की मुहर लगने के साथ ही मंगलवार को बिहार सरकार ने गजट प्रकाशित कर इसे अधिसूचित कर दिया है। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री और हम प्रमुख जीतनराम मांझी ने बिहार में आरक्षण बढ़ाने के बिल की मंजूरी का स्वागत किया है। इसके साथ ही उन्होंने आबादी के अनुसार राज्य मंत्रिमंडल का गठन करने की मांग दुहराई। सोशल मीडिया एक्स पर मंगलवार को ट्वीट करते हुए मांझी ने कहा कि उम्मीद है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वर्तमान राज्य मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर जाति की आबादी के अनुरूप नए मंत्रिपरिषद का गठन करेंगे। उन्होंने टिप्पणी की कि अब सभी जातियों को सरकार में जिम्मेदारी मिलेगी। 

बता दें कि बिहार में अब सरकारी नौकरियों व शैक्षिक संस्थानों के नामांकन में आरक्षित वर्ग के कोटे में 15 फीसदी का इजाफा हुआ है। यह अब 50 से बढ़कर 65 फीसदी पहुंच गया है। वहीं गरीब सवर्णों को देय 10 फीसदी आरक्षण यथावत रहेगा। इस बीच राज्य के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वर्तमान राज्यमंत्रिमंडल को बर्खास्त कर जाति के आबादी के अनुरूप नए मंत्रिपरिषद का गठन करें।  

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आरक्षण का दायरा बढ़ाने की यह वजह
सरकार के स्तर से प्रकाशित गजट में आरक्षण का दायरा बढ़ाने से संबंधित वजह भी बताई गई है। सरकार ने कहा है कि बिहार में कराए गए जाति सर्वेक्षण में एकत्र आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि अवसर और स्थिति में समानता के संविधान में पोषित लक्ष्य को पूरा करने के लिए पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के बड़े हिस्से को बढ़ावा देने की जरूरत है। इन वर्गों के उत्थान के लिए संविधान के अंतर्गत साकारात्मक उपाय एवं अनेक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से अब तक के प्रयास नाकाफी हैं।

जाति सर्वेक्षण में पता चला कि अनारक्षित वर्ग की आबादी, अल्पसंख्यक समुदाय समेत राज्य की कुल आबादी का करीब 15 फीसदी है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण राज्य में उनकी आबादी-प्रतिशत के संदर्भ में 64.50 प्रतिशत की हिस्सेदारी दिखलाता है। यह भी पता चला कि राज्य सरकार की सेवाओं में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों का प्रतिनिधित्व अनुपातिक रूप से कम है। 

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