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उत्तर बिहार में तब्लीगी मरकजों की तलाश तेज

बिहार में तब्लीगी जमात ने संक्रमण का खतरा बढ़ा दिया है। तब्लीगी जमात में शामिल होकर आने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बुधवार को उत्तर बिहार के जिलों में तीन दर्जन ऐसे लोग चिह्नित किए गए...

उत्तर बिहार में तब्लीगी मरकजों की तलाश तेज
मुजफ्फरपुर | वरीय संवाददाताThu, 02 Apr 2020 10:45 AM
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बिहार में तब्लीगी जमात ने संक्रमण का खतरा बढ़ा दिया है। तब्लीगी जमात में शामिल होकर आने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बुधवार को उत्तर बिहार के जिलों में तीन दर्जन ऐसे लोग चिह्नित किए गए हैं जो विभिन्न तारीखों में तब्लीगी जमात में शामिल हुए थे। उसके अलावा जमुई जिले में ऐसे 13 लोग चिह्नित किए गए हैं। सभी जिलों को इसके लिए अलर्ट कर दिया गया है। मंगलवार को राज्य के विभिन्न जिलों से 28 ऐसे लोगों को चिह्नित किया गया था जो तब्लीगी मरगज में शामिल होकर लौटे थे।

बुधवार को इसको लेकर सभी जिलों की पुलिस मस्जिदों और मदरसों के साथ कई अन्य इलाकों में ऐसे लोगों की तलाशी में जुटी रही। कई मस्जिदों और मदरसों में छापेमारी भी की गई। मुजफ्फरपुर के विभिन्न इलाकों से 15 ऐसे लोग चिह्नित किए गए हैं जो फरवरी और मार्च में तब्लीगी मरकज में शामिल हेाकर लौटे हैं। मुजफ्फरपुर के डीएम चन्द्रशेखर सिंह ने बताया कि मेडिकल टीम पूरी तरह से उनलोगों पर नजर रख रही है। सेल्फ क्वारंटाइन किया जा रहा है। वहीं, दरभंगा के गौड़ीगौराम प्रखंड में गुप्त सूचना के आधार पर दो लोगों को चिह्नित किया गया। दोनों में लक्षण भी मिले हैं। दोनों को डीएमसीएच में भर्ती कराया गाय है। वहीं, पूर्वी चंपारण के चार लोग निजामुद्दीन में मरकज में शामिल हुए थे।

इनमें ढाका के मो. इरफान, रामगढ़वा थाने के आमोदेई का हारुन मियां, चिरैया का अशरफ अली व आदापुर के अवरइया का नजीर मियां शामिल हैं। मो. इरफान के सहारनपुर में होने की सूचना है। वहीं, चिरैया के अशरफी अली को पुलिस तलाश रही है। रामगढ़वा के हारुन मियां व आदापुर के नजीर मियां के बारे में पुलिस पता लगा रही है। एसपी नवीन चंद्र झा ने बताया कि सबकी मेडिकल जांच कराई जाएगी। पश्चिम चम्पारण के चार लोग नेपाल से निजामुद्दीन गए थे। पश्चिमी चंपारण के डीएम कुंदन कुमार ने बताया कि ये लोग बगहा, लौरिया व बेतिया नगर थाना क्षेत्र के हैं। सबके बारे में पता लगाया जा रहा है। वहीं, सीतामढ़ी के एक युवक भी इस मरकज में शामिल हुआ था। वह फिलहाल मेरठ के कोरोंटाइन सेन्टर में रह रहा है। मधुबनी में जिन दस लोगों के तब्लीगी जमात में शामिल होने की जानकारी मिली है वे अलग-अलग प्रखंड के रहने वाले हैं। प्रशासन को मिली सूची के मुताबिक जमात में गए लोग खुटौना, खजौली, लौकही, मधेपुर, पंडौल आदि प्रखंड के रहने वाले हैं। सबकी तलाश जारी है। वहीं, समस्तीपुर जिले में तब्लीबी जमात के लिए आये देसी व विदेशी 30 मौलानाओं के छिप कर रहने का मामला बुधवार को प्रकाश में आया। गुप्त सूचना पर पुलिस ने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के धर्मपुर से 11, सिंघिया के बसौली से 9 और हसनपुर के बहत्तर गांव से 11 मौलानाओं को जांच के लिए पकड़ा। जांच के बाद आइसोलेशन सेंटर में रखने की व्यवस्था की गयी है। इन मौलाओं में बांग्लादेश व नेपाल के अलावा शेष देश के ही अलग-अलग हिस्सों के हैं।
दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज में शामिल होने वालों में जमुई और बांका के लोग भी शामिल थे। इसमें जमुई जिले 13 और बांका का एक व्यक्ति शामिल हुआ था। इसके अलावा मरकज में शामिल इंडोनेशिया, मलेशिया, दिल्ली और मधुबनी के लोग सुपौल और किशनगंज जिले में मिले हैं। सुपौल प्रशासन ने दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात से आए छह जमातियों को गुप्त सूचना पर बुधवार को खोज निकाला। सभी जमाती सदर प्रखंड के पिपरा खुर्द वार्ड पांच में एक मस्जिद में ठहरे हुए थे। चार मार्च को 14 जमातियों का जत्था सहरसा पहुंचा था। इसमें से छह जमाती धार्मिक प्रचार के लिए सुपौल पहुंचे थे। पांच जमाती दिल्ली के और एक मधुबनी का रहने वाला है। मेडिकल जांच के बाद सभी जमातियों को पिपरा खुर्द के स्कूल में बनाए गए क्वारंटाइन होम में रखा गया है। सदर बीडीओ राहुल राज ने कहा कि मेडिकल जांच की गई। जमुई जिले में झाझा प्रखंड के 10, सोनो प्रखंड के दो व जमुई प्रखंड का एक व्यक्ति शामिल है। वहीं बांका जिले के धनकुंड स्थित काठबनगांव का भी एक व्यक्ति भी उस कार्यक्रम में शामिल हुआ था। मंगलवार की देर शाम बांका के एसडीपीओ दिनेश चंद्र श्रीवास्तव, एसडीओ मनोज चौधरी, रजौन के बीडीओ गुरुदेव प्रसाद गुप्ता आदि काठबनगांव पहुंचे और उसकी *तलाश की। हालांकि परिजनों ने बताया कि वह दिल्ली से घर नहीं लौटा है।

 

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