फलों पर स्टीकर अच्छी क्वालिटी की गारंटी नहीं, कैंसर का कारण? खरीदते वक्त इन कोड का रखें ध्यान
खाद्य संरक्षा विभाग जहां इन स्टीकर्स लगे फलों को उच्च गुणवत्ता की गारंटी नहीं मानता है तो वहीं चिकित्सक स्टीकर्स को चिपकाने के लिए लगे गोंद को कैंसर जैसी बीमारी की वजह बता रहे हैं।
बाजारों में बिक रहे स्टीकर्स या कोड वाले फल (आम, कीवी, ड्रैगन फ्रूट, सेब व संतरा आदि) लोगों को अपनी ओर लुभा रहे हैं। आम समझदारी है कि ये फल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। लोग स्टीकर्स लगे फलों को प्रीमियम यानी बेहतर क्वालिटी वाला समझकर खरीद रहे हैं। लेकिन लोगों को ये मालूम ही नहीं होता है कि जिसे वे बढ़िया समझकर खरीद रहे हैं, वह उनकी सेहत के लिए कितना खतरनाक हो सकता है।
खाद्य संरक्षा विभाग जहां इन स्टीकर्स लगे फलों को उच्च गुणवत्ता की गारंटी नहीं मानता है तो वहीं चिकित्सक स्टीकर्स को चिपकाने के लिए लगे गोंद को कैंसर जैसी बीमारी की वजह बता रहे हैं। एफएसएसएआई (भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण) ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया है कि किसी फल के स्टीकर का कोड अगर 9 से शुरू होता है और यह संख्या पांच अंकों की है (जैसे 90412) तो यह फल जैविक रूप (ऑर्गेनिक तरीके) से उगाया गया है। यह फल आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। वहीं, अगर किसी फल का कोड 8 से शुरू होता है और पांच अंकों का है (जैसे 80412) तो फल में आनुवंशिक संशोधन किया गया है। इस तरह के फल गैर जैविक फल (इन ऑर्गेनिक) होते हैं। वहीं अगर फल पर केवल चार अंक हैं (जैसे 4026) तो ऐसे फल कीटनाशकों और रसायनों से उगाए गए हैं। ये फल जैविक फलों की तुलना में सस्ते होते हैं, लेकिन सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं। खाद्य संरक्षा पदाधिकारी मो. इकबाल ने बताया कि फलों पर जो स्टीकर्स होते हैं, वे प्रीमियम क्वालिटी की गारंटी नहीं होते हैं। कई बार फल का सड़ा-गला भाग छिपाने के लिए भी स्टीकर लगा दिया जाता है। फलों की फ्रेशनेस को परखना जरूरी है।
उपभोक्ताओं को स्टीकर का मतलब जरूर बताएं
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण एडवाइजरी जारी कर चुका है कि व्यापारी फलों को बढ़िया दिखाने के लिए स्टीकरों का प्रयोग न करें। फलों पर लगे स्टीकर के कोड का मतलब उन्हें खुद भी पता होना चाहिए और आम जनता को भी बताया जाना चाहिए। स्टीकर्स बॉक्स या पैकेजिंग पर लगाए जाने चाहिए न कि फल और सब्जी पर। अमूमन स्टीकर पर लगा गोंद बेहद खराब क्वालिटी का होता है। यह फलों को खराब करता है और कैंसर जैसी बीमारी का कारण भी बनता है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत फल और सब्जियों में मोम, खनिज तेल, रंगों की पॉलिश नहीं की जा सकती है।
उपभोक्ताओं को सलाह
● स्टीकर लगे फल-सब्जियां जरूरी नहीं कि प्रीमियम क्वालिटी के हों।
● खरीदने से पहले कोड समझें और खाने से पहले स्टीकर हटा दें।
● फल पर लगे स्टीकर वाली जगह का छिल्का जरूर हटा दें।
फल अवशोषित करते हैं रसायन
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायागंज अस्पताल) के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजकमल चौधरी बताते हैं कि फल की सतह पर रोम छिद्र होते हैं, जो सब कुछ अवशोषित कर लेते हैं। सर्वेक्षणों में पाया गया है कि स्टीकरों में लगा गोंद कैंसर व कई अन्य तरह के संक्रमण और बीमारियां दे सकता है। धूप में जब ये फल खुले में बिकते हैं तो सूर्य की रोशनी से हानिकारक स्टीकर के गोंद का दुष्प्रभाव बहुत अधिक बढ़ जाता है।
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