जिले में अब तक करीब 90 फीसदी सीएमआर की आपूर्ति राज्य खाद्य निगम को
सीवान जिले में खरीफ विपणन मौसम 2024-25 के तहत सीएमआर की आपूर्ति में धीमी प्रगति पर जिला प्रशासन सख्त है। डीसीओ सौरव कुमार ने 10 अगस्त तक 100 प्रतिशत आपूर्ति न करने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है।...

सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। खरीफ विपणन मौसम 2024-25 के तहत धान अधिप्राप्ति के बाद राइस मिलों से तैयार सीएमआर की आपूर्ति में धीमी प्रगति पर जिला प्रशासन सख्त है। बताया जा रहा कि डीसीओ सौरव कुमार ने इस संदर्भ में आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि संयुक्त निबंधक, सहयोग समितियां, सारण प्रमंडल, छपरा की समीक्षा बैठक में यह बात सामने आयह कि जिले में अब तक लगभग 90 प्रतिशत सीएमआर की आपूर्ति राज्य खाद्य निगम को हुई है, जबकि लक्ष्य 100 प्रतिशत का था। हालांकि अनुमान है कि 10 अगस्त तक यह आंकड़ा केवल 94 प्रतिशत तक पहुंचेगा। डीसीओ ने स्पष्ट किया कि 10 अगस्त तक 100 प्रतिशत आपूर्ति नहीं करने वाले पैक्स, व्यापार मंडल व राइस मिलों पर स्वयं या जिला टास्क फोर्स के माध्यम से कार्रवाई होगी।
जिन प्रखंडों में लक्ष्य पूरा नहीं होगा, वहां के प्रभारी सहकारिता प्रसार पदाधिकारी के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई के लिए प्रपत्र क का प्रस्ताव विभाग को भेजा जाएगा। मैरवा प्रखंड ने 100 प्रतिशत आपूर्ति पूरी कर ली है। इसके सहकारिता प्रसार पदाधिकारी को रघुनाथपुर प्रखंड में भेजकर लक्ष्य पूरा करने में मदद करने का आदेश दिया गया है। सहकारिता पदाधिकारी ने चेतावनी दी कि सीएमआर आपूर्ति में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी और दोषियों को किसी भी हाल में नहीं छोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी सहकारिता प्रसार पदाधिकारी शेष सीएमआर वाले पैक्स या व्यापार मंडल के गोदाम का भौतिक सत्यापन करें। उधर, संयुक्त निबंधक ने निर्देश दिया कि जिन प्रखंडों में 100 प्रतिशत आपूर्ति हो चुकी है, वहां के सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों को उन प्रखंडों में लगाया जाए, जहां अभी भी बड़ी मात्रा में सीएमआर शेष है। सभी को हर हाल में लक्ष्य पूरा करना होगा। उन्होंने सरकार के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि धान अधिप्राप्ति से जुड़ी राशि सरकारी धन है। तय समय में मिलिंग कर गुणवत्तायुक्त चावल जमा नहीं करने वालों-पैक्स अध्यक्ष, प्रबंधक, व्यापार मंडल या राइस मिल-के खिलाफ प्राथमिकी, सर्टिफिकेट केस और ब्लैकलिस्टिंग की कार्रवाई की जाएगी। सीवान सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के अधियाचना पदाधिकारी दुर्गा प्रसाद को निर्देश दिया गया कि लापरवाह समितियों की सूची बनाकर संबंधित शाखा प्रबंधकों से सर्टिफिकेट केस दायर कराएं।

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