सोमवार से स्कूलों में पठन-पाठन शुरू, बच्चों से गुलजार हुए कक्ष और कैम्पस
रघुनाथपुर में कड़ाके की ठंड के कारण 13 दिनों के बाद सोमवार से प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में पठन-पाठन शुरू हो गया। कई बच्चे बिना जूते-मोजे स्कूल पहुंचे, जबकि निजी स्कूलों के बच्चे पूरी ड्रेस में थे।...

रघुनाथपुर, एक संवाददाता। जिले में ठंड की वजह से प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में सोमवार से पठन-पाठन शुरू हो गया। ठंड की वजह से सभी निजी और सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों की पढ़ाई स्थगित थी। कड़ाके की ठंड की वजह से इन प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में डीएम मुकुल कुमार गुप्ता के आदेश पर बच्चों की छुट्टी थी। जिसके कारण 7 जनवरी से पठन-पाठन स्थगित था। 13 दिनों बाद सोमवार को जब बच्चे स्कूल पहुंचे तो खाली पड़े स्कूल परिसर और वर्ग कक्ष फिर से गुलजार हो गए। कुछ बच्चे तो अपने अभिभावकों के साथ में स्कूल पहुंचे। उन्हें अभिभावकों ने दुलार कर स्कूल के अंदर भेजा। पहले दिन प्रार्थना सभा के साथ सत्र की शुरुआत हुई। प्रार्थना सभा में कुछ बच्चे कांपते तो कुछ मस्ती करते नजर आए। वहीं, कुछ बच्चे तो स्कूल पहुंचकर अपने दोस्तों से मिलकर काफी खुश नजर आए। इधर, धूप खिलने के बाद भी कनकनी होने से वर्ग कक्ष में बच्चे ठंड महसूस करते दिखें। लंच के बाद घंटी लगने से पहले बच्चे और शिक्षक धूप में बैठे व खेलते दिखें। सरकारी स्कूलों में बिना जूता-मोजा दिखें बच्चे सोमवार को गांव-देहात से लेकर शहर तक के सभी स्कूलों में पढाई शुरू हो गई। सुबह साढ़े 9 बजे स्कूल में बच्चों के पहुंचते ही उनकी चहलकदमी से परिसर गुलजार हो गया। इस ठंड में भी सरकारी स्कूलों के बच्चे बिना जूता-मोजा और पर्याप्त गर्म कपड़े नहीं थे। टूटे-फटे चप्पल ही पहनकर कई सारे बच्चे स्कूल पहुंचे थे। जबकि निजी स्कूलों के बच्चे पूरी ड्रेस में दिख रहे थे। इधर, निजी सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ाई शुरू होते ही शहरों की तरह हाट-बाजार की सड़कों पर भी भीड़ भाड़ देखने को मिली। सभी निजी और सरकारी स्कूल पूर्व के ही निर्धारित समय पर साढ़े 9 बजे ही खुले। निजी स्कूल करीब-करीब ठंड भर बंद ही रहे, लेकिन सरकारी में शिक्षक प्रतिदिन उपस्थित रहे। इधर, स्कूल वाहनों के आवागमन बढ़ने से भीड़-भाड़ रही। वहीं कई अभिभावक अपने बच्चों को बाइक से स्कूल छोड़ने पहुंचे थे। छुट्टी के बाद पढ़ाई का पहला दिन होने के कारण बच्चों की उपस्थिति औसत से कम रही। बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए अभिभावकों को शिक्षकों द्वारा कॉल किया गया।शिक्षक खुद भी गांव में बच्चों के घर जाकर उन्हें स्कूल बुलाए। बच्चों के अपार आईडी बनाने में बढ़ी व्यस्तता बच्चों के स्कूल में पहुंचने के बाद लाभुक योजना से जुड़े हुए बैंक खाता उनके आधार से जोड़ने और अपार आईडी बनवाने के भी कार्य में शिक्षक एक बार फिर तीव्र गति से जुट गए हैं। विभाग ने इसे लेकर पत्र भी जारी किया है। अपार आईडी बनाने को लेकर तो कैंप भी लगा है। जिसमें पिछले कई दिनों से शिक्षकों का वहां पर प्रतिनियुक्त किया गया है।
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