बाल रूप से सुंदर कोई भी रूप नहीं है - प्रियंका शास्त्री
हसनपुरा, एक संवाददाता।श्यामलाल जैन हाई स्कूल में कभी नामांकन के लिए होती थी भीड़, अब संसाधन ही नहीं

हसनपुरा, एक संवाददाता। प्रखंड के पकड़ी पंचायत के महुअल महाल में चल रहे रामकथा के चतुर्थ दिवस के मौके पर राम कथा में साध्वी प्रियंका शास्त्री दीदी ने भगवान श्री राम के प्राकट्य उत्सव की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि हम और आप सोचते हैं कि भगवान धर्म की रक्षा के लिए आते हैं। लेकिन अगर भगवान धर्म के लिए आते तो धर्म के लिए तो भरत जी काफी थे। भगवान निशाचारों के संघार के लिए आते तो निशाचारों के नाश के लिए लक्ष्मण काफी थे। भगवान संतों के लिए आते तो संतों के लिए हनुमान काफी थे।राजा दशरथ के आंगन में चार-चार पुत्रों का जन्म हुआ। भगवान श्री राम की बाल लीलाओं का दर्शन कथा के द्वारा साध्वी दीदी ने कराते हुए कहा कि भगवान राम बारह कलाओं से परिपूर्ण थे। वे अपनी माता कौशल्या को बाल्यावस्था में ही विशाल रूप के दर्शन कराए। इसीलिए कराए ताकि दुनिया जान सके कि बाल रूप से सुंदर कोई भी रूप नहीं है। भगवान राम के जन्मोत्सव में भगवान भोले बाबा कि जब परमात्मा धरती पर आता है तो सारे देवता धरती पर आते हैं। दर्शन करने के लिए केवल भगत लोग नहीं बल्कि भगवान भी किसी न किसी रूप में आते हैं। हम और आप कौन होते हैं। कथा करने वाले सुनने वाले। भगवान की कथा है भगवान ही करता है। भगवान ही सुनता है। यह उनकी लीला है। जिसे सुनकर भक्त भवसागर से पर हो जाते हैं। भगवान हमारे बीच में ही है। अगर विश्वास है तो यज्ञ आचार्य श्री लक्ष्मी निधि महाराज जी ने प्रातः बेला में विद्वान ब्राह्मणों के साथ में यज्ञ का पूजन संपन्न किया। जहां यज्ञ अनुष्ठान होते हैं वहां पर धन-धान्य से भंडार भरे रहते हैं। कभी अकाल मृत्यु नहीं होती है। सुंदर वातावरण होता है। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।
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