पिपरा डकैतीकांड का अबतक नहीं हुआ खुलासा
पेज चार के लिएपेज चार के लिए फालोअप विफलता लगातार छापेमारी के बावजूद पुलिस को सफलता नहीं 15 दिनों में तीन डकैती की घटनाओं से लोगों में दहशत रघुनाथपुर। एक संवाददाता जिले के दक्षिणाखण्ड में डकैतों...
जिले के दक्षिणाखण्ड में डकैतों के तांडव से लोगों में भय व दहशत का माहौल कायम हो गया है। रात में लोग चैन से सो भी नहीं रहे हैं। 16 नवम्बर को मिर्जापुर गांव में हुई डकैती की घटना से लोग सहमे जरूर थे। लेकिन दहशत की स्थिति किसी में नहीं थी। 16 दिन बाद 2 दिसम्बर की रात जब पिपरा गांव में डकैती की घटना हुई तो लोगों में भय पैदा हो गया। लोग इस घटना को लेकर सचेत भी नहीं हुए थे कि दो दिन बाद ही 4 दिसम्बर की रात सिसवन थाने के मोरवन गांव में भीषण डकैती हो गयी। इससे लोगों में काफी दहशत पैदा हो गया है। किसके घर में और कब डकैत धावा बोल दे, इसे लेकर सभी चिंतित हैं। शाम होते ही लोग अपने घरों में दरवाजा बंद कर दुबक जाने को मजबूर हो गए हैं। दक्षिणाखण्ड में डकैती की पहली घटना मिर्जापुर में घटी थी। जिसे स्थानीय पुलिस ने इग्नोर करते हुए चोरी की प्राथमिकी दर्ज कर अपना फर्ज निभा दिया। जबकि इस घटना में एक महिला की पिटाई भी डकैतों ने की थी। पुलिस के बड़े अधिकारी भी इस घटना को लेकर मौन रहे। इस घटना के ठीक 16 दिन बाद पिपरा गांव में डकैती हुई तो भी स्थानीय पुलिस इसे हल्के में ली। मिर्जापुर डकैतीकांड की तरह पुलिस मानने को तैयार ही नहीं थी कि यह घटना डकैती की है। लेकिन यह घटना एक बड़े अधिकारी के घर से जुड़ा हुआ था। इसलिए एसपी को यहां आना पड़ा। उनके जांच में सब-कुछ क्लीयर हो गया। इधर एसपी के कड़े रुख के बाद सिसवन व रघुनाथपुर पुलिस इस कांड का खुलासा करने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। बावजूद सफलता हाथ नहीं लग रहा है।
14 साल बाद इस क्षेत्र में डकैतों ने दी है धमक
दक्षिणांचल में 14 साल बाद डकैतों की एंट्री होने से लोगों में दहशत तो है ही। पुलिस के पसीने भी छूटने लगे हैं। 2004 से पहले कुछ इसी तरह का मंजर इस क्षेत्र में दिखा करता था। 20 दिन में दक्षिणाखण्ड क्षेत्र में 3 घटनाओं को अंजाम देकर डकैतों ने यह जता दिया है कि उनका मंशा पुरानी व्यवस्था कायम करने की है। पुलिस को उनकी मंशा को सफल होने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। अब तक डकैती हुई है तीनों घटनाओं में डकैतों ने लगभग एक ही तरीका अपनाया है। पीड़ितों के अनुसार डकैतों की उम्र 25 से 30 वर्ष की थी। इनमें करीब सभी जीन्स पैंट पहने हुए थे। अब सबके मन में यह प्रश्न उठने लगा है कि अचानक इतने दिन बाद डकैतों का गिरोह किसने खड़ा कर दिया। गिरोह का संचालन करने वाले की उम्र क्या होगी? यह पुलिस के साथ-साथ आम लोगों के लिए भी एक यक्ष प्रश्न है। मोरवन गांव के कमलाकांत उपाध्याय के घर हुई डकैती कांड की जांच में खोजी कुत्ते भी लगे थे। बावजूद कांड का खुलासा नहीं हो सका। पिपरा डकैती कांड में सुरेन्द्र पांडेय की मोबाइल डकैत अपने साथ लेकर गए हैं। उन्हें पकड़ने का यह मोबाइल फोन एक जरिया बन सकती है। पुलिस के अनुसार मंगलवार को करीब एक घंटे तक मोबाइल फोन चालू भी था। पुलिस कॉल करते रही लेकिन रिसीव नहीं किया गया। ऐसे में मोबाइल का नम्बर सर्विलांस पर डालकर पुलिस डकैतों का ट्रेस कर सकती है।
चौबीस घंटे बाद भी डकैतों का सुराग नहीं
फॉलोअप
पीड़ित परिवार में जल्द ही होनी थी शादी
गिरफ्तारी के लिए पुलिस कर रही छापेमारी
सिसवन। एक संवाददाता
थाना क्षेत्र के मोरवन गांव में मंगलवार की रात हुई डकैती की घटना के 24 घंटे बाद भी डकैतों का सुराग पुलिस को नहीं मिल पाया है। पुलिस डॉग स्क्वायड टीम का प्रयोग भी डकैतों का पता लगाने में कर चुकी है। फिर भी पुलिस को निराशा ही हाथ लगी। डॉग स्क्वायड टीम डकैतों द्वारा छोड़े गए कंबल के जरिए चैनपुर के कंटेश्वर नाथ मंदिर में पहुंची थी। जहां से छोटे-छोटे गहने व बक्से बरामद किए गए। लेकिन कोई खास सुराग हाथ नहीं लगा। हालांकि पुलिस चैनपुर सिसवन के कई संदिग्ध जगहों पर छापेमारी कर डकैतों को दबोचने का प्रयास कर चुकी है। थानाध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि डकैतों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी करने में लगे हैं। जिस घर में डाका कांड को अंजाम दिया गया है उस परिवार में शीघ्र ही शादी होने वाली थी। कमलाकांत दो भाई हैं। छोटे भाई मुन्ना उपध्याय की पुत्री शिल्पी की शादी ठीक हो चुकी है। विवाह की तिथि शीघ्र ही रखी जाने वाली थी। लेकिन ऐन वक्त पर उनके घर में डाका कांड को अंजाम देकर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया गया। कमलाकांत उपाध्याय को कोई संतान नहीं है। वे अपने छोटे भाई की पुत्री शिल्पी कुमारी को अपनी पुत्री मान शादी की तैयारी किए थे। घटना से परिजन के साथ ही स्थानीय लोगों में भी दहशत है।
परिजनों से मिले जिप उपाध्यक्ष
मोरवन में हुई डकैती के पीड़ित परिजनों से जिला परिषद् के उपाध्यक्ष ब्रजेश कुमार सिंह ने गुरुवार को मिलकर उन्हें सांत्वना दी। उपाध्यक्ष ने कहा कि पुलिस को शीघ्र ही अपराधियों की गिरफ्तार करना चाहिए। कहा कि अपराधी बेलगाम हैं और शाम होते ही घटना को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने जल्द ही अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग की।
डकैती की एफआईआर दर्ज
मोरवन गांव में हुए डकैतीकांड की एफआईआर दर्ज कर ली गई हैं। एफआईआर कमलाकांत उपाध्याय के लिखित बयान पर की गई है। एफआईआर में पांच सात अज्ञात को आरोपित किया गया है। कहा गया है कि चालीस हजार रुपये नगद समेत गहना, कपड़ा सहित लगभग 2 लाख रुपये मूल्य की संपत्ति की चोरी की गई। पुलिस अपराधियों की पहचान करने में जुटी है। एसपी नवीनचंद्र झा ने भी बुधवार की देर शाम मोरवन पहुंच घटना की जानकारी ली।