पंचमदिरा घाट पर पितृपक्ष में सैकड़ों श्रद्धालुओं नें किया तर्पण
गुठनी में पितृपक्ष के दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पंचमंदिरा घाट पर स्नान और तर्पण किया। ब्राह्मणों द्वारा तिलांजलि भी दी गई। आचार्य रविप्रकाश मिश्र के अनुसार, पितृपक्ष में तर्पण करने से जीवन में पितृ...

गुठनी, एक संवाददाता। दरौली प्रखंड मुख्यालय स्थित सरयू नदी किनारे रविवार को पंचमंदिरा घाट पर पितृपक्ष में सैकड़ों कि संख्या में श्रद्धालुओं नें स्नान कर तर्पण किया। इस दौरान घाट पर स्नान के साथ हीं उपस्थित ब्राह्मणो द्वारा तिलांजलि भी दिलवाया गया। श्रद्धालुओं कि मानें तो यहाँ पंचमंदिरा घाट पर हमेशा त्रिपिंडी श्राद्ध कराया जाता है। वहीं, पितृपक्ष में त्रिपिंडी श्राद्ध का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। आचार्य रविप्रकाश मिश्र नें बताया कि पितृपक्ष में प्रतिदिन अपने पितरों के लिए तर्पण कड़ना चाहिए। अमावस्या क़ो विधिवत पिंडदान करके ब्राह्मणो क़ो भोजन कराकर भोजन करना चाहिए। उनका कहना था कि पितृपक्ष पितरों को खुश व संतुष्ट करने का पक्ष है।
पितृपक्ष में माता पिता व पितरों को तर्पण करने से जीवन में चल रहे पितृ दोष या कुंडली में स्थित पितृ दोष के कारण उत्पन्न या संभावित पारिवारिक, शारीरिक, मानसिक, आर्थिक परेशानियों का दोष निवारण होता है। इसलिए पितृदोष दोष निवारण, उत्तम नौकरी आजीविका, रोजी रोजगार, सुख सौभाग्य, संतति संतान आदि तमाम विषमताओं से मुक्ति के लिए प्रत्येक जातक को पितृ तर्पण, पितृ दान, पितृ भोजन अवश्य कराना चाहिए। इससे पितर खुश व आनंदित होते हैं। तथा उनके शुभ आशीर्वाद से सर्व सफलता प्राप्त होती है।
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