निजीकरण नहीं करने के फैसले से बिजलीकर्मियों को राहत
खुशी बिजलीकर्मियों ने सरकार व प्रबंधन को दिया साधुवाद निजीकरण से उपभोक्ताओं को बढ़ सकती थी परेशानी सीवान। एक संवाददाता सूबे में बिजली कम्पनी के निजीकरण नहीं करने के फैसले से बिजलीकर्मियों में हर्ष...
सूबे में बिजली कम्पनी के निजीकरण नहीं करने के फैसले से बिजलीकर्मियों में हर्ष है। बिजलीकर्मी व अधिकारी इसे राज्य सरकार की सराहनीय व स्वागतयोग्य कदम बता रहे हैं। बिजली कम्पनी से जुड़े लोगों का कहना है कि निजीकरण से एक ओर बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न होती तो दूसरी ओर उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट ज्यादा बिजली बिल का भुगतान करना पड़ता। प्रोग्रेसिव यूनियन के कोषाध्यक्ष नेपाली प्रसाद ने कहा कि निजीकरण नहीं करने का राज्य सरकार का फैसला स्वागतयोग्य है। वहीं सचिव सुरेश लाल श्रीवास्तव ने कहा कि निजीकरण के फैसले से सभी कर्मियों में भविष्य की चिंता सताने लगी थी। प्राईवेट कम्पनी के आने से सबसे ज्यादा खतरा छंटनी का था। नौकरी के आखिर कुछ ही वर्ष बचे हैं। ऐसे में हमारे जैसे लोगों को अगर कंम्पनी हटाती तो हम भूखमरी के कगार पर पहुंच जाते। वहीं उपसचिव रामबड़ाई प्रसाद ने कहा कि प्रबंधन व सरकार का यह कदम कर्मचारी व आम जनता के हित में उठाया गया कदम है। निजीकरण होने के बाद प्राइवेट बिजली कम्पनी मनमाने ढंग से बिजली का कीमत बढा कर परेशानी बढ़ाती। वहीं बिहार स्टेट इलेक्ट्रीक सप्लाई एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव कुमार सिंह ने कहा कि निजीकरण के नाम से सभी कर्मचारी,अधिकारी, इंजीनियर व संविदा कर्मी दहशत में थे। सरकार के इस फैसले से हम सभी कर्मियों ने राहत की सांस ली है । हम सभी लोग पहले की तरह ईमानदारीपूर्वक कार्य करते रहेंगे।