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डेंगू प्रभावित गांवों में जागरूकता लाकर बीमारी पर होगा नियंत्रण

सीवान, निज प्रतिनिधि। जिले में जलजनित बीमारी डेंगू की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार मरीजों की संख्या कम करने को लेकर विभाग ने अलग रणनीति तैयार की है।...

 डेंगू प्रभावित गांवों में जागरूकता लाकर बीमारी पर होगा नियंत्रण
Newswrap हिन्दुस्तान, सीवानSat, 3 Aug 2024 07:15 AM
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सीवान, निज प्रतिनिधि। जिले में जलजनित बीमारी डेंगू की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार मरीजों की संख्या कम करने को लेकर विभाग ने अलग रणनीति तैयार की है। विभाग की ओर से डेंगू के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जिले के महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थलों पर बैनर लगाकर और स्कूल व अस्पताल के ओपीडी में हैंडबिल का वितरण किया जा रहा है। इनता ही नहीं बीते दो-तीन वर्षों में डेंगू के प्रभावित रहे गांवों की सूची भी तैयार की गयी है। इन गांवों में डेंगू से बचाव को लेकर प्रचार-प्रसार तेजी से किया जा रहा है। आशा कार्यकर्ताओं के लिए 120 कार्य दिवस का भी एक टास्क दिया गया है। इन कार्य दिवसों के दौरान घर-घर घूमकर डेंगू को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। डॉक्टर की मानें तो मानसून के आने के बाद से लेकर नवंबर-दिसंबर तक डेंगू का पीक टाइम माना जाता है। जबकि, सबसे अधिक मरीज अक्टूबर व नवंबर महीने में सामने आते हैं। पिछले वर्ष भी सबसे अधिक मरीज 148 अक्टूबर महीने में ही सामने आए थे। वहीं, दूसरी तरफ जलजनित बीमारी डेंगू को लेकर सदर अस्पताल में दस, अनुमंडलीय अस्पताल महाराजगंज में पांच व सभी पीएचसी स्तर पर भी दो-दो मच्छरदानीयुक्त बेडों का स्पेशल वार्ड बनाने का निर्देश जारी किया गया है। बताया गया कि पिछले वर्ष के दौरान जिले में मिले डेंगू रोगियों की संख्या को देखते हुए इस बार स्वास्थ्य विभाग कोई भी कमी करना नहीं चाहता है। किसी मरीज के चिन्हित होने पर फौरन उपचार मुहैया कराने को लेकर कंट्रोल रूम भी बनाया जा रहा है। इसके अलावे दो रैपिड एक्शन फोर्स का गठन किए जाने की बात बतायी जा रही है। चिकित्सकों के अनुसार, सभी डेंगू मरीजों का अस्पताल में भर्ती होना अनिवार्य नहीं होता है। अधिकतर डेंगू पीड़ित दो सप्ताह के अंदर ठीक हो जाते हैं। इस बीमारी में रेस्ट व लिक्विड इस्तेमाल करना होता है।

मरीज की जांच के लिए एलाइजा रीडर मशीन को किया गया फंक्शनल

जिले में डेंगू मरीजों की पहचान के लिए सदर अस्पताल स्थित आरटीपीसीआर लैब में एलाइजा मशीन को फंक्शनल कर दिया गया है। वहीं, प्रखंड स्तर पर संभावित लक्षण वाले मरीजों के लिए सभी पीएचसी स्तर पर एनएस-1 किट उपलब्ध कराया गया है। एनएस-1 किट में पॉजिटिव की पुष्टि वाले मरीजों की बाद में कंफर्मेशन के लिए एलाइजा जांच करायी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की विशेष नजर पिछले वर्ष के हॉट स्पॉट वाले स्थलों पर भी है। इन गांवों में विशेष सर्तकता बरती जा रही है।

डेंगू के प्रारंभिक लक्षण

डेंगू के कई प्रारंभिक लक्षण हैं। तेज बुखार, बदन दर्द, सिर एवं जोड़ों में दर्द और आंखों के पीछे दर्द हो तो यह डेंगू का लक्षण हो सकता है। इसके साथ ही त्वचा पर लाल धब्बे या चकत्ते का निशान, नाक- मसूढ़ों से उल्टी के साथ रक्त स्राव होना व काला पखाना भी डेंगू का लक्षण है। इन लक्षणों के साथ यदि तेज बुखार हो तो मरीज को चाहिए कि फौरन नजदीकी सरकारी अस्ताल में डॉक्टर के पास पहुंचे।

आसपास टूटे-फूटे पड़े बर्तनों व अन्य सामानों में भी पनन सकते हैं मच्छर

स्वास्थ्य विभाग की माने तो डेंगू का एडीज मच्छर स्थिर व साफ पानी में पनपता है। यह दिन में ही काटता है। डेंगू का मच्छर आसपास पड़े टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी व फ्रीज में जमे पानी, गमले, खाली जगहों पर रखे डिब्बे और कार्टन में पानी जमाने पर पनप सकते हैं। डेंगू मच्छरों के पनपने से रोकने के लिए पानी जमा नहीं होने दें और यदि कहीं पानी जमा है तो उसमें मिट्टी का तेल या पेट्रोल का छिड़काव जरूर करें।

पिछले वर्ष अक्टूबर महीने में सबसे अधिक डेंगू के मरीज मिले

स्वास्थ्य विभाग से मिले एक आंकड़े के अनुसार, पिछले वर्ष सबसे अधिक मरीज अक्टूबर महीने में मिले थे। जबकि जिले में अगस्त से लेकर दिसंबर महीने के बीच कुल 410 डेंगू मरीज मिलने की पुष्टि की गयी थी। इनमें आंदर 04, बड़हरिया 19, बसंतपुर 34, भगवानपुर 20, दरौली 05, दरौंदा 07, गोरेयाकोठी 08, गुठनी 0, हसनपुरा 10, हुसैनगंज 59, लकड़ी नबीगंज 13, महाराजगंज 06, मैरवा 18, नौतन 02, पचरूखी 34, रघुनाथपुर 36, सिसवन 08,सीवान सदर अर्बन 112, सीवान सदर ग्रामीण 08 व जीरादेई 07 रोगी मिलने की पुष्टि की गयी थी।

क्या कहते हैं वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी

वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉक्टर ओम प्रकाश लाल ने बताया कि जलजनित बीमारी डेंगू को लेकर जिले में स्वास्थ्य विभाग सर्तक है। सभी सरकारी अस्पतालों में स्पेशल वार्ड बनाने के साथ ही साथ जांच व उपचार की व्यवस्था को दुरुस्त कर दिया गया है। एनएस-1 किट में पॉजिटिव आए संदेहास्पद मरीजों के कंफर्मेशन के लिए सदर अस्पताल स्थित आरटी-पीसीआर लैब में एलाइजा रीडर मशीन को भी फंक्शनल कर दिया गया है।

वर्षवार डेंगू मरीजों की सूची

2019- 125

2020-00

2021-05

2022-115

2023-410

2024- अभी एक भी नहीं

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