स्वबोध के जागरण के प्रबल पैरोकार थे मालवीय और अटल
सीवान में महावीरी शिशु मंदिर में पं. मदन मोहन मालवीय और अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अरुणोदय पत्रिका का विमोचन किया गया। मुख्य वक्ता प्रमेंद्र रंजन ने...

सीवान, एक संवाददाता। शहर के महावीरी शिशु मंदिर में महामना पं. मदन मोहन मालवी व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। महामना मदन मोहन मालवीय व अटल बिहारी वाजपेयी के तैल चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। इस अवसर पर लोक शिक्षा समिति की वार्षिक पत्रिका अरुणोदय का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया। विद्या भारती के विभाग निरीक्षक राकेश कुमार रंजन ने विषय प्रवेश कराया। इस्लामिया कॉलेज के प्रो. डॉ. अशोक प्रियंवद ने कहा कि भारत का सांस्कृतिक विरासत बेहद प्रतिष्ठित आयाम से सुसज्जित रहा है। डॉ. गणेश दत्त पाठक ने कहा कि महामना मदन मोहन मालवीय व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी स्वबोध के जागरण के प्रबल पैरोकार थे। मुख्य वक्ता नारायण महाविद्यालय के प्राचार्य प्रमेंद्र रंजन ने स्वबोध जागरण के सकारात्मक प्रभावों को बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज का दिशा निर्धारक होता है उसे अपने कार्यों को बेहद निष्ठा से करना चाहिए क्योंकि स्वत्त्व के जागरण में उसकी सबसे बड़ी भूमिका होती है। प्रो. रविंद्रनाथ पाठक ने कहा कि महामना व अटल बिहारी का व्यक्तित्व व कृतित्व सनातनी शाश्वत मूल्यों का संदेश संचारित करता रहा है। मौके पर महावीरी सरस्वती शिशु मंदिर प्रबंध समिति के सचिव कौशलेंद्र प्रताप सिंह, प्रो. अवधेश शर्मा, उपाध्यक्ष मिथिलेश कुमार सिंह, सचिव इंदल कुमार सिंह, नवीन सिंह परमार, ओमप्रकाश दूबे, पारसनाथ सिंह, शम्भू शरण तिवारी, ज्ञानेश्वर श्रीवास्तव, सिम्मी कुमारी, सुमन उपाध्याय थे।
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