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क्या महल और क्या झोपड़ी, बाढ़ ने सबको किया बेघर

बाढ़ कम होने के बाद भी मधवापुर प्रखंड क्षेत्र में लोगों की परेशानी कम नहीं हो रही है। क्या महल वाले और क्या झोपड़ी वाले, बाढ़ ने सबकों बेघर कर एक समान कर दिया। बाढ़ के छह दिन बीत जाने के बाद भी लोगों के...

क्या महल और क्या झोपड़ी, बाढ़ ने सबको किया बेघर
हिन्दुस्तान टीम,सीतामढ़ीTue, 23 Jul 2019 04:27 PM
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बाढ़ कम होने के बाद भी मधवापुर प्रखंड क्षेत्र में लोगों की परेशानी कम नहीं हो रही है। क्या महल वाले और क्या झोपड़ी वाले, बाढ़ ने सबकों बेघर कर एक समान कर दिया। बाढ़ के छह दिन बीत जाने के बाद भी लोगों के घरों में पानी घुसा है। सड़कों पर डेरा डाले विस्थापित लोगों को घर लौटने का उपाय नहीं मिल रहा है। पति को परदेश रहने की परिस्थिति में पशुओं और बच्चों के साथ सड़क पर रात गुजारने को महिलाएं मजबूर हैं।

चोरौत मुख्यालय में बाढ़ कम होने के बाद नए इलाकों में जहां-जहां पानी पसरा, वहां से अब तक पानी नहीं उतरा है। अब भी कई सड़कों पर तेज बेग से पानी बह रहा है। इस वजह से गांव वालों का संपर्क मुख्य सड़क और बाजार से पूरी तरह कटा हुआ है। चोरौत-पुपरी एनएच- 527 सी झटियाह-अमनपुर, अमनपुर-सकड़म एवं चोरौत-बसोतरा पथ पर पानी का बहाव जारी है। भंटाबारी, चिकना, परिगमा समेत कई स्कूल परिसर में फैला हुआ पानी नहीं निकल पाया है। लोग किसी तरह रात और दिन काट रहे है। बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि रात को मच्छरो के प्रकोप बाढ़ने के कारण नींद नहीं आती है, वहीं दिन को तेज धूप व भीषण गर्मी के कारण परेशानी बढ़ जाती है। बदलते मौसम में कई लोगों की तबियत भी खराब हो रही है। बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि बाढ़ का पानी से अभी भी घर घिरा है। इससे उंचे स्थल पर रहने की विवशता बनी है। इधर, बारिश व धूप में तंबू में रहना मुश्किल हो रहा है। जब भी बारिश आती है लोग परेशानी बढ़ जाती है। सभी को इंतजार है कि बाढ़ का पानी निकलते ही अपने घर को लौट जाएंगे।

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