रोटा वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण शुरू
जिले में पांच वर्ष तक के बच्चों को डायरिया रोग से बचाव को लेकर रोटा वायरस वैक्सीन को नियमित टीकाकरण में शामिल कर बुधवार से शुरू किया गया। सिविल सर्जन डॉ.धनेश कुमार सिंह ने जिला प्रतिरक्षण केन्द्र में...
जिले में पांच वर्ष तक के बच्चों को डायरिया रोग से बचाव को लेकर रोटा वायरस वैक्सीन को नियमित टीकाकरण में शामिल कर बुधवार से शुरू किया गया। सिविल सर्जन डॉ.धनेश कुमार सिंह ने जिला प्रतिरक्षण केन्द्र में बच्चे को रोटा वायरस का शुभारंभ किया। इस मौके पर कहा कि पांच वर्ष तक के बच्चों की डायरिया से सबसे अधिक मृत्यु होती है।
डायरिया को लेकर अस्पताल में आने वाले बच्चों में से 40 प्रतिशत बच्चे रोटा वायरस से ग्रसित होते है। रोटा वायरस संक्रमण रोग का कारण है। जिससे दस्त के अलावा पेट दर्द, उल्टी तथा बुखार भी होता है। रोटा वायरस जनित डायरिया का कोई इलाज नहीं है। इसके रोकथाम के लिए टीकाकरण एकमात्र उपाय है। रोटा वायरस जनित डायरिया से भारी मात्रा में वायरस निकलता है। जिससे अन्य बच्चे भी संक्रमित हो सकते हैं। इसीलिए सरकार द्वारा इसे टीकाकरण में शामिल किया गया है। टीकाकरण के तहत डेढ़ माह तक के बच्चों को पहली खुराक एवं एक-एक माह के अंतर पर दूसरी एवं तीसरी खुराक दी जाएगी। यह एकदम सुरक्षित टीका है। मौके पर डीआईओ डॉ. एके झा, डा. हरेन्द्र प्रसाद तथा यूनिसेफ के रंजीत रंजन सहित अन्य मौजूद थे।
पुरनहिया में टीकाकरण का किया गया शुभारंभ:
पुरनहिया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पुरनहिया के नोडल अधिकारी डॉ. शेष कुमार मिश्र ने बुधवार को उपस्वास्थ केंद्र बसंत जगजीवन अन्तर्गत आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 95 पर चौदह सप्ताह की बच्ची को रोटावायरस वैक्सीन दवा पिलाकर टीकाकरण का शुभारंभ किया। रोटावायरस वैक्सीन की खुराक क्रमश छह, दस व चौदह सप्ताह पर दिया जाता है। इसकी एक खुराक में पांच बूंद दवा बच्चों को मूंह के द्वारा दी जाती है। इस टीकाकरण से बच्चों मे होने वाली खतरनाक बीमारी दस्त जैसी बीमारियों बचाव किया जा सकता है। अभियान में डब्ल्यूएचओ से नूरेसलाम, एएनएम हीरा कुमारी, आंगनबाड़ी सेविका कामिनी कुमारी मौजूद थी।