जान बचाने की जद्दोजहद ने बदल दी दिनचर्या
कोरोना वायरस के देश में प्रवेश करने के बाद लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए लॉकडाउन लागू हुए एक महीने हो चुके हैं। इस एक महीने में जिले के एक-एक कोने की तस्वीर बदल गयी है। घरों में कैद लोगों की...
कोरोना वायरस के देश में प्रवेश करने के बाद लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए लॉकडाउन लागू हुए एक महीने हो चुके हैं। इस एक महीने में जिले के एक-एक कोने की तस्वीर बदल गयी है। घरों में कैद लोगों की दिनचर्या में व्यापक बदलाव आने के साथ कामकाज के भी तरीके बदले गये हैं। जिन सड़कों पर सुबह शाम जाम का नजारा रहता था आज वहां सन्नाटा छाया रहता है। बंदी के कारण स्कूलों में बच्चों की किलकारी भी बंद है। हर पल भीड़ में डूबे रहने वाले रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर तो वीरानगी ही छायी हुई है। इधर सड़क पर आवागमन कम होने और फैक्टरियों में काम बंद रहने से सभी तरह के प्रदूषण में भी भारी कमी आयी है।
ट्रेनों की आवाजाही बंद से स्टेशन पर पसरा सन्नाटा
सीतामढ़ी | हिटी
कोरोना वायरस की वजह से सवारी ट्रेनों की आवाजाही बंद है। सीतामढ़ी स्टेशन से दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पाटलिपुत्रा, सुगौली, बैरगनिया के लिए प्रतिदिन कई ट्रेनों का परिचालन होता है। कोलकाता, हैदराबाद, दिल्ली के साथ कई लंबी दूरी की ट्रेन भी चलती है। लेकिन लॉक डाउन के बाद से सभी ट्रेनों का परिचालन बंद हो गया। जिससे स्टेशन पर सन्नाटा पसरा हुआ है। स्टेशन पर यात्रियों की आवाजाही बंद होने से आसपास के दुकानें भी बंद है। पूरा परिसर दिन भर बंद सा रहता है। वहीं कुछेक मालगाड़ी के गुजरने पर ही स्टेशन पर हलचल होती है।
जबकि लॉकडाउन के पूर्व स्टेशन यात्रियों की भीड़ से हर समय भरा रहता था। हर पल टे्रनों के आगमन और प्रस्थान की सूचना स्टेशन पर गंूजती रहती थी। अपने ट्रेन की जानकारी लेने के लिए लोग पूछताछ काउंटर पर उमड़े रहते थे। लेकिन आज सभी काउंटर बंद परे है।