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झाड़-फूंक में सुहागरात को ही गई युवक की जान

विज्ञान के इस युग में भी ग्रामीण क्षेत्रों में अंध विश्वास की जड़ कितनी गहरी है, इसकी बानगी बुधवार को पथराही गांव में देखने को मिला। जब झाड़ - फूंक के चक्कर में एक युवक की जान चली गई। मृतक हरिश्चंद्र...

झाड़-फूंक में सुहागरात को ही गई युवक की जान
हिन्दुस्तान टीम,सीतामढ़ीThu, 08 Mar 2018 01:38 PM
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विज्ञान के इस युग में भी ग्रामीण क्षेत्रों में अंध विश्वास की जड़ कितनी गहरी है, इसकी बानगी बुधवार को पथराही गांव में देखने को मिली। जब झाड़ - फूंक के चक्कर में एक युवक की जान चली गई। मृतक हरिश्चंद्र मुखिया स्थानीय नरेश मुखिया का पुत्र है। 5 मार्च के दिन हरिश्चंद्र की शादी थी। बारात पुपरी के निकट घोघराहाचट्टी गई थी। बिदागरी के बाद वे पति-पत्नी मंगलवार की शाम घर लौट गए। लेकिन, घर पहुंचते ही हरिश्चंद की तबीयत खराब हो गई। ससुराल में डायन कर देने की बात कहकर परिजन गांव के ही भगता से झाड़-फूंक कराने लगे। उसकी स्थिति ठीक होने की बजाय और खराब हो गई। बावजूद झाड़-फूंक जारी रहा। दूसरे गांवों से भी भगता को बुलाया गया। इसी दौरान रात करीब साढ़े नौ बजे उसकी मौत हो गई। फिर भी भगता जिंदा कर देने की बात कहकर इलाज करता रहा। पूरी रात के बाद बुधवार को भी झाड़-फूंक जारी रही। करीब आधे दर्जन भगता उसे जिन्दा कर देने की बात कहकर कोशिश करते रहे। अंतत: थक- हार कर बुधवार की दोपहर ढ़ाई बजे उसका दाह संस्कार कर दिया गया। ग्रामीणों ने बताया कि युवक बड़ा व्यावहारिक था। गांव में शोक की लहर फैल गई है। वह दिल्ली में मजदूरी करके परिवार का भरण - पोषण करता था। इस घटना के बाद नई दुल्हन को मायके भेज दिया गया।

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