जिले की साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्था कला-संगम के तत्वावधान में बुधवार को भूपभैरो में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर की जयंती के उपलक्ष्य में विचार-गोष्ठी सह कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
कार्यकम की अध्यक्षता कला संगम के अध्यक्ष गीतकार गीतेश ने की। मंच संचालन दिल्ली विवि के छात्र एवं युवा कवि रजनीश रंजन ने किया। वक्ताओं ने ‘दिनकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनकी कृति ‘उर्वशी,‘कुरूक्षेत्र,‘रश्मिीरथी, ‘संस्कृत के चार अध्याय के विभिन्न प्रसंगों की विशद व्याख्या की। साथ ही कहा कि दिनकर एक ही साथ फूल और अंगार के आलिंगन और तलवार के गीतकार है। आलोचकों की दृष्टि में दिनकर उस ज्वालामुखी तरह है जिस पर अंगारों के फूल खिलते है। वक्ताओं में भूपेन्द्र सिंह, संजीत परिमल, युवा कवि कृष्णनंदन लक्ष्य आदि थे।
कवि सम्मेलन का आगाज गीतकार गीतेश की रचना ‘हिन्दी में ‘जाज्वल्यमान नक्षत्र हुए हैं उंगली पे गिनकर, जिनमें प्रखर है एक राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर, युगो-युगों तक बने रहेंगे वे प्रेरणास्त्रोत हमारे, धरा का समाधान ले आते थे जो अंबर से छीनकर से हुआ। युवा कवि कृष्णनंदन लक्ष्य की कविता ‘कुछ तुम थी गलफत में, बेखबर कुछ हम भी थे। रजनीश रंजन की कविता ‘सर्द रातों में अकेले जब चांद ठिठुरता होगा, सितारों की नर्म गोद में अपना सारा जिस्म धरता हेागा... ने महफिल को जवां कर दिया। मौके पर संतोष मल्लिक, श्रवण शौर्य, किशन पंडित, रूपा कुमारी, अंशु कुमारी, अंजिल कुमारी आदि थे।
दिनकर के आदर्शों को आत्मसात करने की बतायी जरूरत
सीतामढ़ी। शहर के सोनापट्टी स्थित लोहिया भवन में बुधवार को भारतीय साहित्य परिषद के बैनर तले राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती ससमारोह मनाई गई। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। समारोह में उपस्थित लोगों ने राष्ट्रकवि दिनकर की तस्वीर पर माल्यार्पण किया। वक्ताओं ने दिनकर के आदर्शों
को आत्मसात करने की जरूरत बतायी। इसके साथ ही साहित्य के विकास को लेकर साहित्य साधकों द्वारा साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन करने की बात कही। जयंती समारोह की अध्यक्षता उमाशंकर लोहिया ने की। समारोह का संचालन राम किशोर सिंह चकवा ने किया। मौके पर आग्नेय कुमार, अवध बिहारी शरण हितेंद्र आदि मौजूद थे।