फूलों की कढ़ाई व डिजाइन वाले कुर्ते की धूम
मुस्लिम भाइयों के सबसे बड़े त्योहार ईद को अब चार से पांच दिन ही शेष बचे हैं। इसको लेकर बाजारों में खरीदारों की भीड़ उमड़ने लगी है। दुकानदार भी ग्राहकों की पसंद के हिसाब से अपनी दुकानों को सजा रखा है। ईद...
मुस्लिम भाइयों के सबसे बड़े त्योहार ईद को अब चार से पांच दिन ही शेष बचे हैं। इसको लेकर बाजारों में खरीदारों की भीड़ उमड़ने लगी है। दुकानदार भी ग्राहकों की पसंद के हिसाब से अपनी दुकानों को सजा रखा है। ईद का त्योहार हो और नया कपड़ा न बने यह लगभग नामुमकिन है। त्योहार को यादगार बनाने के लिए कपड़ों की खरीदारी जोरशोर से चल रही है।
लखनवी कुर्ता की डिमांड बढ़ गई है। फूलों की कढ़ाई व डिजाइन वाले कुर्ते की धूम मची है। खरीदारी के लिए शहर के शंकर चौक, महंत साह चौक, सोनापट्टी, अन्य जगहों पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। उसमें से अधिकतर लोग लखनवी सिलकन कुर्ता व अन्य कपड़ों को ही पसंद कर रहे है। दुकानदारों ने बताया कि लखनवी कुर्ता की क्वालिटी और वर्क बहुत ही अलग व बारीक होता है। सिलकन गारमेंटस का कपड़ा मलमल का होता है। गर्मी के कारण ज्यादातर लोग कॉटन व सिलकन के कुर्ता की खरीदारी कर रहे हैं।ईद की नमाज के वक्त नये व साफ कपड़े पहने जाते हैं। इसलिए लोग कुर्ता में मलमल के कुर्ता की पसंद कर रहे हैं। इसका लुक ट्रेडिशनल होता है। बाजार के अन्य दुकानदारों ने बताया कि कॉटन व सिलकन फैब्रिक्स से बने गारमेंटस की काफी डिमांड है। कढ़ाई का काम लखनऊ के घर-घर में होता है। कुत्र्ता की कढ़ाई केवल हाथ से की जाती है। 400 रूपये से 1600 रूपये तक के कुर्ता उपलब्ध है।