‘भारतीय भाषाओं के बीच सेतु का कार्य करती है हिन्दी
सीतामढ़ी में जगन्नाथ सिंह महाविद्यालय चन्दौली में हिंदी पखवाड़ा का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता डॉ. रूपेन्द्र कुमार ने हिंदी की भूमिका पर चर्चा की। कार्यक्रम में निबंध प्रतियोगिता सहित कई गतिविधियाँ...

सीतामढ़ी, हमारे प्रतिनिधि। जगन्नाथ सिंह महाविद्यालय चन्दौली में हिंदी विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में हिंदी पखवाड़ा का आयोजन किया गया। अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. प्रमोद कुमार सिंह व संचालन एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी सह हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार गौड़ ने किया। मुख्य वक्ता डॉ. रूपेन्द्र कुमार इस वर्ष की थीम ‘एक वैश्विक आवाज जो एकता और सांस्कृतिक गर्व का प्रतीक हो पर के्द्रिरत करते हुए अपनी बात रखी। वहीं डॉ. शैलेश कुमार सिंह ने कहा कि हिंदी भारतीय भाषाओं के बीच सेतु का कार्य करती है। आज़ भारत के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में बसे लोग भी कला, मीडिया, सिनेमा, तकनीक और रोज़मर्रा की बातचीत में हिंदी का व्यापक इस्तेमाल करते हैं।
प्रो. नवल किशोर ने कहा कि हिंदी उत्तर भारत की सामासिक संस्कृति की विरासत है। वहीं प्रो. संजय कुमार ने राजभाषा अनुच्छेद 343 से 351 के प्रावधानों पर प्रकाश डाला। डॉ. शम्भू प्रसाद ने कहा कि हिंदी भाषा राष्ट्रीय पहचान को बढ़ावा देने के लिए सबसे उपयुक्त माध्यम हो सकती है। डॉ. विभा कुमारी ने हिंदी भाषा में रोज़गार के अवसर पर बात रखी। डॉ. चन्द्रावती ने कहा कि व्यक्ति अपनी मातृभाषा में किसी भी विषय को बेहद सरल ढंग से सीख सकता है। हमें अपनी मातृभाषा को ज्यादा तरजीह देना चाहिए। डॉ. हारून रसूल ने हिंदी की वर्तमान समस्याओं और सम्भावनाओं पर बात रखी। वहीं डॉ. विनोद कुमार ने साहित्य की परम्परा बात रखते हुए छात्रों को साहित्य के ज्ञानराशि जुड़ने की अपील की। साथ ही राष्ट्रीय एकता में हिंदी भाषा की भूमिका विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित कराई गई। जिसमें अर्चना, मेघा, मनीषा, राधा, निशा, गुड्डू, देव पूजन, चंदन आदि विद्यार्थियों ने भाग लिया। विदित हो कि आगे पखवाड़ा के तहत कविता लेखन, कहानी लेखन, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।
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