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सीतामढ़ी में सब्जी की खेती से आर्थिक स्थिति सुधारने में जुटे किसान

जिले में बाढ़-बरसात के बाद फसल क्षतिपूर्ति के लिए किसान सब्जी की खती में जुट गए हैं।ताकि आगात खेती से सब्जी निकाल अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सके। जिन किसानों के खेतों से बाढ़-बरसात का पानी निकल गया...

जिले में बाढ़-बरसात के बाद फसल क्षतिपूर्ति के लिए किसान सब्जी की खती में जुट गए हैं।ताकि आगात खेती से सब्जी निकाल अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सके। जिन किसानों के खेतों से बाढ़-बरसात का पानी निकल गया...
1/ 2जिले में बाढ़-बरसात के बाद फसल क्षतिपूर्ति के लिए किसान सब्जी की खती में जुट गए हैं।ताकि आगात खेती से सब्जी निकाल अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सके। जिन किसानों के खेतों से बाढ़-बरसात का पानी निकल गया...
जिले में बाढ़-बरसात के बाद फसल क्षतिपूर्ति के लिए किसान सब्जी की खती में जुट गए हैं।ताकि आगात खेती से सब्जी निकाल अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सके। जिन किसानों के खेतों से बाढ़-बरसात का पानी निकल गया...
2/ 2जिले में बाढ़-बरसात के बाद फसल क्षतिपूर्ति के लिए किसान सब्जी की खती में जुट गए हैं।ताकि आगात खेती से सब्जी निकाल अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सके। जिन किसानों के खेतों से बाढ़-बरसात का पानी निकल गया...
हिन्दुस्तान टीम,सीतामढ़ीTue, 01 Sep 2020 08:05 PM
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जिले में बाढ़-बरसात के बाद फसल क्षतिपूर्ति के लिए किसान सब्जी की खती में जुट गए हैं।ताकि आगात खेती से सब्जी निकाल अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सके। जिन किसानों के खेतों से बाढ़-बरसात का पानी निकल गया है, वे सब्जी की फसल लगाने के लिए खेतों की तैयारी कर रहे है। साथ ही जिन किसानों के पास बिचड़ा तैयार हैवे खेतों में बैगन, फूलगोभी, बंधागोभी, मिर्चा, लौकी आदि सब्जियों के पौधे लगा रहे हैं।

जिले के अधिकांश प्रखंडों में सब्जी की फसल लगाने के लिए खेतों में नमी अनुकूल हो गया हैं। जिले के एक दर्जन से अधिक प्रखंडों में धान-गेंहू के साथ सब्जी की खेती होती है। जिले के नानपुर,पुपरी,चोरौत,बाजपट्टी, बोखड़ा, सुप्पी,मेजरगंज, परसौनी, रीगा, बथनाहा आदि प्रखंडों में 50 प्रतिशत किसान सब्जी की खेती करते है। डुमरा प्रखंड के लगमा, हरिछपरा, रूपौली, बलुआ, बाजितपुर, धोधना आदि गांवों में बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती होती हैं।

अब सब्जी की खेती ही सहारा: सोमवार को लगमा गांव में फूलगोभी व बैगन की रोपनी के लिए पौधा उखाड़ रहे किसान ऋषिकेश कुमार ने बताया कि इस बार बाढ़-बरसात के कारण सब्जी सब्जी की फसल सूख जाने से काफी नुकसान पहुंचा है। लॉकडाउन में सब्जी बाहर नहीं जाने से उचित दाम नहीं मिल रहा था। काफी नुकसान हुआ है। इसकी क्षतिपूर्ति के लिए सब्जी की आगात खेती कर रहे है। फिलहाल आठ कट्ठा में फूलगोभी के पौधे लगाए है। इस बार तीन एकड़ में बैगन व फूलगोभी की खेती करने की योजना है। खेत भी तैयार किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि एक ही खेत में तीन से चार-बार फूलगोभी की खेती कर अच्छी-खासी आय करते है। बगल की खेत में काम कर रहे किसान रामाशंकर सिंह ने बताया कि इस बार निचले इलाके में लगी धान की फसल तो डूबकर बर्बाद हो गई। अब सब्जी की खेती ही जीवन-यापन का आधार है। उन्होंने बताया कि गांव के अधिकांश किसान सब्जी की खेती कर परिवार का जीवकोर्पाजन करते है। वहीं बाजपट्टी के भगवानपुर, बेलहिया, धनकौल, हरपुरवा में बड़े पैमाने पर खेती होती है। हरपुरवा के किसान संजय कुमार ने बताया कि सब्जी लगाने के लिए खेत तैयार कर रहे है।

इन प्रखंडों में होती है सब्जी की खेती

सीतामढ़ी। पुपरी अनुमंडल के सुरसंड में एक-दुक्के किसान सब्जी की खेती करते है। लेकिन, नानपुर, पुपरी, चोरौत, रून्नीसैदपुर, बोखड़ा के कुछ गांवों के किसान अच्छी-खासी सब्जी की खेती करते है। पुपरी के परसौनी के रामाशीष महतो ने बताया कि लौकी की फसल लगाए है। इसके साथ बैगन, साग की बुआई की है। उन्होंने बताया कि अधिकांश किसानों अभी खेत जुताई-कोराई में जुटे है।

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