
नदी के किनारे खेतों के कटाव से किसान चिन्हित
संक्षेप: बागमती नदी में अभी तक बाढ़ नहीं आई है, लेकिन जलस्तर में वृद्धि और कमी के कारण कटाव शुरू हो गया है। धान और अन्य पौधे नदी में विलीन हो रहे हैं। कटाव से इन्द्रवा, पिपराही, रतनपुर, उकनी, मझौरा, देकुली...
पिपराही। बागमती नदी में इस साल अभी तक बाढ नही आयी है। लेकिन जलस्तर में वृद्धि तथा कमी होने के साथ ही नदी के दोनों किनारों पर कटाव होने लगा है। कटाव से रोपे गये धान की फसल सहित अन्य पेंङ पौधे नदी की धारा में विलीन होते जा रहा है। बागमती नदी के बेलवा घाट से लेकर डुब्बा घाट तक दोनों बागमती तटबंध के अंदर नदी किनारों पर कटाव हो रहा है। धान के रोपे पौधे के अलावा, केला, बांस, शीशम व सेमल के पौधे कटाव से नदी की धारा में विलीन होते जा रहे है। खासकर इन्द्रवा, पिपराही, रतनपुर, उकनी, मझौरा, देकुली धरमपुर गांव तथा डुब्बा घाट के नदी किनारों पर कटाव हो रहा है।

कटाव से नदी की धारा की चौङाई दिनोदिन बढती जा रही है। प्राय: हर वर्ष नदी के जलस्तर में वृद्धि व कमी होने के बाद नदी के किनारे कटाव का सिलसिला शुरू हो जाता है। इसबाद भी यही स्थिति कायम हो गई है। बागमती नदी में जलस्तर में कमी आने से कटाव शुरू हो रहा है। पिपराही में हुई हल्की बारिश :पिपराही। प्रखंड क्षेत्र में रविवार की अहले सुबह हल्की बारिश हुई।वहीं सुबह से शाम तक कुछ क्षेत्रों में बुंदाबादी होती रही।हल्की बारिश होने से धान के पौधो को लाभ मिलने लगा है। हालाकि किसान भारी बारिश का इंतजार कर रहे हैं ताकि धान की फसलों की अच्छी तरह सिंचाई हो सके।

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