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मुख्य बाजार से गलियों तक गंदगी का अंबार

सीतामढ़ी। शहर में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बीते पांच वर्षों में...

मुख्य बाजार से गलियों तक गंदगी का अंबार
हिन्दुस्तान टीम,सीतामढ़ीThu, 11 Aug 2022 01:11 AM
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सीतामढ़ी। शहर में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए बीते पांच वर्षों में बनी सभी योजनाएं फेल हैं। इसके कारण बाजार के मेन रोड, मुख्य मंडी व मुख्य स्थानों पर भी कूड़ा का अंबार लगा रहता है। इस कचरा से हमेशा सड़ांध निकलता रहता है। कुछ जगहों का कचरा इस कदर सड़कर उठता कि कचरा उठने के बाद भी वहों सड़े कचरा का बास मारते ही रहता है। इससे स्थानीय लोग परेशान रहते हैं। स्थानीय कारोबारी को भी व्यापार पर असर पड़ता है। निगम की ऐसी कार्यशैली से लोगों का विश्वास उठता जा रहा है। लोग तरह-तरह के आरोप लगा रहे हैं।

कचरा का उठाव नहीं होने से गंदगी

शहर जिस स्थान पर कचरा प्वांइट बनाया गया है। वहां कुछ जगहों पर बड़ा डस्टबिन लगाया भी गया है वहां नियमित कचरा का उठाव नहीं होने के कारण अक्सर डस्टबिन भरा रहता है। डस्टबिन से लेकर सड़कों पर गंदगी फैली रहती है। जिससे हमेशा सड़ांध निकलती रहती है। जिस होकर लोगों गुजरने में भी परेशानी होती है।

खासकर डुमरा रोड पेट्रोल पंम्प के समीप अक्सर नियमित कचरा के उठाव नहीं होने से परेशान रहते हैं।

कचरे की सड़ांध से प्रभावित हो रहा व्यापार, परेशानी

सदर अस्पताल मुख्य गेट के समीप हमेशा कचरा का ढ़ेर लगा रहता है। अस्पतालों का भी अवशिष्ट यहां खुले में फेक दिए जाते हैं।

यहां नियमित कचरा का उठाव नहीं होने से हमेश सड़ांध निकलती रहती है। इसके कारण यहां से आने-जाने वाले लोगों के साथ-साथ स्थानीय दुकानदार भी परेशान रहते हैं। स्थानीय दुकानदार विवेक कुमार, रितेश कुमार आदि ने बताया कि कचरा की सड़ांध आने के कारण हमारी दुकान पर ग्राहक नहीं रुक पाते हैं। इसके कारण व्यापार पर असर पड़ रहा है। दुकानदारों ने बताया कचरा बढ़ने पर बार-बार कहने के बाद निगम कर्मी कचरा उठाकर ले जाते हैं।

नाक पर रूमाल डाल चलते लोग

डुमरा रोड के अलावे अस्पताल रोड, कॉलेज रोड आदि जगहों पर मेन रोड में कचरा का प्वांट बनाया गया है। यहां पर भी नियमित कचरा उठाव नहीं हो पाता है। लोग बताते हैं कचरा उठने में तीन से चार दिन समय लग जाता है। जिसके कारण लोगों को परेशानी होती है। राहगीर नाक पर रुमाल डालकर चलने के लिए मजबूर रहते हैं।

डोर-टू-डोर सूखा व गीला कचरा उठाव की योजना फेल

शहर को स्वच्छ बनाए रखने के लिए कचरा प्रबंधन अधिनियम लाया गया। इसमें डोर टू डोर सूखा-गीला कचरा उठाव अलग-अलग कर शहर से बाहर कचरा प्लांट में कचरा का निस्तारण किया जाना था। इसके लिए शहर में हर घर में सूखा-गीला कचरा रखने के लिए डस्टबिन देने की योजना बनी। सूखा-गीला कचरा अलग-अलग उठाव के लिए वाहनों का क्रय किया गया। लेकिन शहर के सभी लोगों को न डस्टबिन दिया जा सका ना ही डोर टू डोर कचरा का उठाव संभव हो पाया। मोहल्लों में लोग खुले मैदान में कचरा फेंकते है। इससे मेला रोड, रघुनाथपुरी, आदर्शनगर आदि मोहल्लों में कचरा का अंबार लगा रहता है।

कचरे के ढेर पर रहते आवारा पशु

शहर के बाजार व मुख्य मंडी से भी नियमित कचरा का उठाव नहीं हो पाता है। मुख्य मंडी गुदरी बाजार में कचरों का ढ़ेर आवारा पशुओं का बसेरा बना रहता है। पुराना नगर परिषद कार्यालय से लेकर गुदरी बाजार के अंदर भी सड़कों पर गंदगी पसरी रहती है। जिससे बाजार आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है।

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