सीतामढी जिला को शिवहर जिला से जोड़ने वाला नारायणपुर -भगवानपुर मुख्य पथ में पुरानी बागमती नदी पर बना बिंधी पुल वर्षों से क्षतिग्रस्त होकर जानलेवा बना हुआ है जिससे इस होकर बङे वाहनों का आवागमन बाधित है। लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। क्षतिग्रस्त पुल होकर किसी तरह छोटे वाहनों का परिचालन हो रहा है जिससे वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना बनी रहती है।
स्क्त्रू पाइल्स पुल का टर्फ प्लेट क्षतिग्रस्त होकर वहां गड्ढा बन आया है जिस होकर आने जाने में भी लोगों को भय लगता है। पुल के साथ साथ इसका पहुंच पथ भी क्षतिग्रस्त हो चुका है। पुल के बीचोबीच बड़ा बड़ा गड्ढा बन आया है। पूर्व में इस महत्वपूर्ण पथ होकर बङे वाहनों का आवागमन हमेशा होता रहता था। किन्तु पुल के क्षतिग्रस्त होने से इस होकर केवल छोटे एवं दुपहिया वाहन ही किसी तरह आ जा रहे हैं। रात के अंधेरा में इस गड्ढा में फंसकर वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना बनी रहती है। समय रहते अगर पुल की मरम्मत नहीं करायी गई तो कभी भी किसी घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है। गौरतलब हो कि इसी पुल होकर पिपराही एवं पुरनहिया प्रखंड के कई गांव के गन्ना उत्पादक किसानों को अपने गन्ना को टायर गाङी तथा ट्रैक्टर द्वारा खेतो से अपना गन्ना रीगा चीनी मिल को पहुंचाना होता है। पुल के क्षतिग्रस्त रहने से किसानों को कुअमा होकर लंबी दूरी तय कर रीगा जाना पङ रहा है। कुअमा के पूर्व मुखिया संजय कुमार वर्मा डब्बू कहना है कि वर्षो क्षतिग्रस्त इस पुल नये सिरे निर्माण नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी होती है। क्षेत्र के पकङी, नारायणपुर, छतौना, शंकरपुर बिंधी, विशुनपुर, मोहनपुर सहित कई गांवों के गन्ना उत्पादक किसानों को गन्ना भेजने में परेशानी होती है। गन्ना उत्पादक किसान नवल किशोर राय, उमेश महतो, प्रभात शरण, रामचंद्र राय सहित कई किसानों ने बताया कि क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मत के लिए विभाग को कितनी बार सूचना दी गई। लेकिन विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त पुल की मरम्मत नहीं करायी जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि पुल के लिए पुल निर्माण संघर्ष समिति के बैनर तले धरना प्रदर्शन भी किया गया। स्थानीय सांसद एवं विधायक से भी पुल निर्माण के लिए अनुरोध किया गया। बावजूद पुल की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।