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10 घंटे तक आंख दर्द से तड़पते रहे पीड़ित बच्चे

मेजरगंज के मलाही गांव में नाच देखने के दौरान वायरल इंफेक्शन से आंख रोग से बीमार हुए चार सौ लोगों में लगभग दो सौ किशोर व बच्चे शामिल है।...

10 घंटे तक आंख दर्द से तड़पते रहे पीड़ित बच्चे
हिन्दुस्तान टीम,सीतामढ़ीSun, 02 Sep 2018 12:30 AM
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मेजरगंज के मलाही गांव में नाच देखने के दौरान वायरल इंफेक्शन से आंख रोग से बीमार हुए चार सौ लोगों में लगभग दो सौ किशोर व बच्चे शामिल है। इलाज के दौरान सदर अस्पताल में पहुंचे दशरथ कुमार, जितेंद्र कुमार, धर्मेंद्र कुमार, मंगी पासवान ने बताया कि घटनास्थल पर इंफेक्शन से बच्चे चिल्लाने लगे। आंख में जलन व दर्द से कहराते हुए सभी अपने घर भागने लगे।

बच्चों की चिख-पुकार से अफरातफरी का माहौल कायम हो गया। परिजनों ने उसे इलाज के लिए रेफरल अस्पताल पहुंचे। लेकिन, वहां भी नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं रहने के कारण सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। इस बीच एक एम्बुलेंस और निजी टेंपो से मरीजों को सीतामढ़ी सदर अस्पताल भेजा गया। लेकिन मरीजों की संख्या चार से करीब होने के कारण बारी-बारी से लाया गया। इस तरह सदर अस्पताल में करीब 12 बजे तक मरीज सदर अस्पताल आते रहे। इस बीच बच्चे आंख दर्द और जलन से दर्द से करीब 10 घंटे तक छटपटाते रहे। इस दौरान परिजन यहीं कह रहते थे कि रेफरल अस्पताल मरीज को केवल रेफर करने के लिए बना है।

यहां यदि नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक की व्यवस्था होती तो सीतामढ़ी नहीं जाना पड़ता और आसानी से इलाज हो जाता।

नेपाल के मलंगवा से आये थे नाच देखने

सीतामढ़ी। मेजरगंज के मलाही टोला गांव में शुक्रवार की रात नाच आयोजन किया था। वहां नेपाल के मलंगवा समेत अन्य सात गांव के लोग देखने के लिए पहुंचे थे। जब नाच देखकर अपने घर पहुंचकर सोए और इसके बाद शनिवार की अहले सुबह जग तो उसका आंख खुलने नहीं रहा था। नेपाल से आए लोगों की की भी आखें अचानक लाल हो गईं। इससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

आखिर कैसी हो गई आंखे लाल!

मलाही गांव में अचानक 400 से अधिक लोगों की आंखें लाल हो गईं, यह कोई समझ ही नहीं पा रहा है। गांव से बाहर नाच-गान की व्यवस्था की गईं थी। इसमें लगभग 200 से अधिक दर्शक जमा हुए थे। कुछ लोगों का कहना है की जहां पर स्टेज बना था उसके चारों ओर गंदगी का अंबार है। कुछ अवैध क्लिनिक द्वारा ऑपरेशन के बाद बैंडेज और कई प्रकार के केमिकल के बोतल आदि फेंके देते हैं, जो वातावरण को बुरी तरह प्रभावित करते हैं। लोगों का मानना है कि इससे भी नाच के दर्शक प्रभावित हुए थे। वहीं, रेफरल अस्पताल प्रभारी डॉक्टर केके झा ने बताया कि हो सकता है कि किसी असामाजिक तत्व द्वारा किसी घातक रासायनिक पदार्थ का स्प्रे कर दिया गया हो।

सदर अस्पताल में इलाज करते नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. केपी देव।

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