2024 Education Reforms in Sitamarhi Increased Teacher Attendance and Improved Student Enrollment स्कूलों में बच्चों के ठहराव की औसत उपस्थिति का बढ़ा ग्राफ, Sitamarhi Hindi News - Hindustan
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स्कूलों में बच्चों के ठहराव की औसत उपस्थिति का बढ़ा ग्राफ

सीतामढ़ी में 2024 में शिक्षा विभाग द्वारा कई सुधार किए गए, जिससे शिक्षकों की उपस्थिति शत-प्रतिशत हो गई और बच्चों की औसत उपस्थिति 65 से 70 प्रतिशत तक पहुंच गई। नए विद्यालयों का निर्माण, शिक्षकों की...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीतामढ़ीMon, 30 Dec 2024 11:49 PM
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स्कूलों में बच्चों के ठहराव की औसत उपस्थिति का बढ़ा ग्राफ

सीतामढ़ी। जिले के स्कूलों व कॉलेजों समेत शिक्षा महकमे में विभाग द्वारा किए गये नए-नए प्रयोग से वर्ष 2024 उथल-पुथल का माहौल बना रहा। इस दौरान विभाग द्वारा मोबाइल एप से शिक्षकों के हाजिरी बनाने की व्यवस्था लागू किए जाने से स्कूलों में शतप्रतिशत शिक्षकों की उपस्थिति होने लगी है। वहीं जिले के स्कूलों में बच्चों के ठहराव का ग्राफ भी तेजी से बढ़ा। विभागीय अधिकारी की माने तो पूर्व के वर्ष में स्कूलों में बच्चों की औसत उपस्थिति जहां 50 से 55 प्रतिशत रहा करता था। वहीं वर्ष 2024 में विभागीय सख्ती से बच्चों की औसत उपस्थिति का ग्राफ 65 से 70 प्रतिशत तक चला गया। मासिक व सप्ताहिक परीक्षा व्यवस्था शुरू होने से बच्चों की गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया जाने लगा है। हालांकि जानकारों की माने तो वर्ष 2024 में विभाग द्वारा ऑनलाइन रिपोटिंग का दायरा बढ़ जाने के कारण समुचित पठन-पाठन प्रभावित भी हुआ है।

स्कूलों में बढे संसाधन, शिक्षक की हुई बहाली : जिले में संचालित करीब 22 सौ सरकारी प्रारंभिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूलों में वर्ष 2024 में अभियान चलाकर आधारभूत संरचना व संसाधन व्यवस्था को दुरुस्त करने की कवायत की गई। जिले के 396 स्कूलों में चहारदीवारी का निर्माण कराया गया है।

240 स्कूल भवन का मरम्मती का काम हुआ। 456 स्कूलों में विद्युतीकरण कराया गया। 136 स्कूलों में बू मॉडल व 72 स्कूलों में बूट मॉडल के तहत कम्प्यूटर शिक्षा की व्यवस्था फरवरी 2024 में शुरु की गई। जिले के सरकारी स्कूलों में बीपीएससी द्वारा टीआरई वन में 1588 शिक्षक, टीआरई टू में 1496 नये शिक्षक बहाल हुए। वहीं टीआरई थ्री में बहाली की प्रक्रिया चल रही है। जिले में 11060 शिक्षकों को छह दिवसीय प्रशिक्षण देकर कौशल उन्नयन किया गया। कक्षा एक से 12 वीं तक कुल 4,31,139 बच्चों को एफएलएन व एलईपी किट दिया गया। वहीं वर्ष 2024 में 4,60,581 बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराई गई। मिशन दक्ष चलाकर कक्षा तीन से आठ के 1,45,497 बच्चों को पढ़ाई में सशक्त किया गया। सरकारी स्कूलों में वर्ष 2024 में अभियान चलाकर 99,492 सेट बेंच-डेस्क की सुविधा उपलब्ध कराई गई। जिले से दो शिक्षकों को उत्कृष्ट सेवा के लिए राजकीय पुरस्कार मिला। वहीं आधा दर्जन स्कूलों को विद्यालय स्वच्छता पुरस्कार दिया गया। आउट ऑफ स्कूल 1325 बच्चों को उम्र सापेक्ष शिक्षा मिला: जिले में मिशन दक्ष के तहत स्कूल से बाहर रह रहे 1325 बच्चों को शिक्षा के मुख्य धारा में लाकर उम्र सापेक्ष शिक्षा प्रदान किया गया।

शुरू हुआ जिला शिक्षा भवन का निमार्ण कार्य:

जिले में शिक्षा कार्यालयों को एक छत के नीचे लाने के लिए विभागीय स्तर से करीब चार करोड़ की लागत से चार मंजिला शिक्षा भवन का निर्माण कार्य वर्ष 2024 में शुरु हुआ। शिक्षा भवन का निर्माण कार्य आधारभूत संरचना निगम द्वारा बनाया जा रहा है। जो शिक्षा विभाग के लिए वर्ष 2024 की खास उपलब्धि रही।

दो नये कस्तूरबा विद्यालय खुले, शिक्षक की हुई व्यवस्था

जिले में वर्ष 2024 में कक्षा नौ से 12 वीं की छात्राओं के लिए दो नये कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की स्थापना की गई। इस तरह पूर्व से संचालित 30 कस्तूरबा विद्यालय की संख्या बढ़कर 32 हो गई। वहीं इन सभी कस्तूरबा विद्यालयों में वर्षो से शिक्षकों के रिक्त पदों को भरा गया। जो वर्ष 2024 में खास उपलब्धि रही। 3013 बच्चियों को आत्म रक्षा के लिए कराटे का प्रशिक्षण दिया गया। 2843 बालिकाओं को लक्ष्मी बाई आत्म रक्षा प्रशिक्षण कोर्स कराया गया।

258 निजी स्कूलों को मिली मान्यता

जिले में वर्ष 2024 में 258 निजी स्कूलों को शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्वीेकृति प्रदान किया गया। पूर्व में 501 निजी स्कूलों को प्रस्वीकृति मिली थी। जो अब बढ़कर 759 हो गई है। वर्ष 2024 में प्रस्वीकृति प्राप्त निजी स्कूलों मेंआरटीई के कोटे के 25 फीसदी सीटों पर निर्धारित लक्ष्य समूह के 1664 बच्चों का नामांकन कराया गया। वहीं 2024-25 में आरटीई के तहत नामांकन की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है।

बयान

स्कूलों में नामांकित शतप्रतिशत बच्चों का ठहराव व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने को विभाग संकल्पित है। विषयवार शिक्षकों की बड़े पैमाने पर बहाली की गई है और आगे भी बहाली की प्रक्रिया जारी है।

-प्रमोद कुमार साहू, डीईओ, सीतामढ़ी

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