सात सालों से पेंडिंग था केस, 7 मिनट में निपटा तो फूट-फूटकर रोने लगे बुजुर्ग; खबर को समझिए
करीब सात साल से लंबित बैंक लोन का मामला राष्ट्रीय लोक अदालत में महज सात मिनट में ही निपट गया। सात मिनट में बैंक लोन चुकता कर देने के बाद बुजुर्ग के चेहरे पर मुस्कान छा गई और उसने कहा कि अब बुढ़ौती जेल में नहीं बल्कि आराम से कटेगी।
करीब सात साल से लंबित बैंक लोन का मामला शनिवार को महज सात मिनट में ही निपट गया। सात मिनट में बैंक लोन चुकता कर देने के बाद बुजुर्ग के चेहरे पर मुस्कान छा गई और उसने कहा कि अब बुढ़ौती जेल में नहीं बल्कि आराम से कटेगी। दरअसल, शहर के एक बुजुर्ग शिवबचन को बैंक के 40 हजार रुपए कर्ज चुकाने थे, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते वह कर्ज नहीं चुका पा रहे थे। इस पर वह राष्ट्रीय लोक अदालत में पहुंचे और बैंक अफसरों से कहा कि उसके पास कर्ज चुकाने के लिए 40 हजार रुपये नहीं हैं। मामला बिहार के सारण जिले का है।
आंखों से खुशी के आंसू छलक गए
बुजुर्ग की बात सुनते ही बैंक के अधिकारी से लेकर मैनेजर तक बुजुर्ग की बातों पर सकारात्मक पहल करते हुए सूद की राशि माफ कर लोन से मुक्ति के कागज पर दस्तखत कराया। कागज पर दस्तखत के बाद बुजुर्ग कोर्ट कैम्पस में ही फूट-फूटकर रोने लगे। बैंक अफसरों ने तो इस संबंध में कुछ भी बोलने से मना कर दिया, लेकिन गरीब बुजुर्ग उनका धन्यवाद देते नहीं थक रहा था। वहीं एक बैंक से पांच साल पहले लोन लेने वाली सुनीता बैंक अफसरों से अपने पति के नाम पर लिये गए लोन को आज ही समाप्त करने के लिये गुहार लगा रही थी। इस पर बैंक अफसरों से कुछ जानकारी ली और समझौता राशि जमा करने के लिये सुनीता को बोले। उन्होंने बिना देर किए कुछ मिनटों में ही राशि जमा कर दी पर उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक रहे थे।
लोगों का न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास बढ़ेगा
एसपी कुमार आशीष ने कहा कि इस तरह के आयोजन से लोगों का न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास जागेगी। लोगों से राष्ट्रीय लोक अदालत में मामलों के निपटारा पर जोर दिया। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव धर्मेंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि लोक अदालत में सुनवाई पूरी तरह से नि:शुल्क होती है। इससे पहले जिला जज , न्यायिक पदाधिकारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव व अन्य ने दीप जलाकर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया। मौके पर एडीजे अनुराग कुमार त्रिपाठी, अनिल कुमार भारद्वाज, न्यायिक पदाधिकारी सीजेएम जिगर शाह, एलडीएम प्रदीप कुमार समेत कई प्रशासनिक पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
एक करोड़ 71 लाख से अधिक की वसूली
राष्ट्रीय लोक अदालत में एक करोड़ 71 लाख एक हजार 599 रुपये की वसूली हुई।समझौता राशि छह करोड़ 12 लाख 10 हजार 875 रुपया तय हुई। राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 2505 मामलों का निष्पादन हुआ।
11 साल बाद ऋण मुक्त हुई सरिता
शहर के गुदरी बाजार की सरिता को 11 साल बाद राष्ट्रीय लोक अदालत से राहत मिली। उसने बैंक से लोन लिया था लेकिन पति की मौत के बाद रुपये जमा नहीं कर पा रही थी। ब्याज भी काफी बढ़ गया था लेकिन राष्ट्रीय लोक अदालत में उसने अपना लोन चुकता कर नोड्यूज का सर्टिफिकेट भी ले लिया।
संजय को भी 12 साल बाद राहत मिली
शहर के गांधी चौक के रहने वाले संजय कुमार 2012 में बैंक से व्यवसाय के लिये लोन लिया था। शुरू में व्यवसाय से ठीक-ठाक आमदनी हो रही थी लेकिन कोरोना काल के समय से व्यवसाय में घाटा होना लगा। लोन का ब्याज भी बढ़ रहा था। लोक अदालत में ब्याज माफ होने के बाद अमित को लोन से मुक्ति मिल गई।
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