Unregistered Hospitals and Clinics Operating in Rohtas Endanger Lives स्वास्थ्य विभाग की मिली भगत से चल रहे हैं अवैध अस्पताल , Sasaram Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsSasaram NewsUnregistered Hospitals and Clinics Operating in Rohtas Endanger Lives

स्वास्थ्य विभाग की मिली भगत से चल रहे हैं अवैध अस्पताल

(पेज पांच) स्थ्य विभाग मौन धारण किए हुए है। बताते चलें कि रोहतास नगर पंचायत में दर्जनों ऐसे पैथालॉजी लैब, आर्थो डेंटल, क्लिनिक, शिशु

Newswrap हिन्दुस्तान, सासारामTue, 30 Sep 2025 06:27 PM
share Share
Follow Us on
स्वास्थ्य विभाग की मिली भगत से चल रहे हैं अवैध अस्पताल

रोहतास, एक संवाददाता। रोहतास प्रखंड के नगर पंचायत एवं उसके आसपास के ग्रामीण इलाकों में धड़ल्ले से बिना स्वास्थ्य विभाग से निबंधन से दर्जनों हॉस्पिटल एवं अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। जिनमें बड़े-बड़े डिग्री धारक डॉक्टरों के बोर्ड लगाकर झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज किए जा रहे हैं। जिससे आए दिन लोगों की मौत का मामला प्रकाश में आ रहा है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग मौन धारण किए हुए है। बताते चलें कि रोहतास नगर पंचायत में दर्जनों ऐसे पैथालॉजी लैब, आर्थो डेंटल, क्लिनिक, शिशु रोग विशेषज्ञ, महिला रोग विशेषज्ञ जैसे भरमार है। जिनके आड़ में वनवासियों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है।

किसी की इलाज के दौरान मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को समाजिक दबाव देकर मोटी रकम दे समझौता कर लेते हैं। जिसके वजह से कई मामले प्रशासन तक भी नहीं पहुंच पाते हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार रोहतास नगर पंचायत में उमा हॉस्पिटल, आदर्श डायग्नोशिस्ट, आशीर्वाद हॉस्पिटल, शांति सेवा सदन, सहारा डाइग्नोसिस्ट, शम्भु डायग्नोस्टिक स्वास्थ्य विभाग से निबंधित है। लेकिन ये भी विभाग के तय मानकों को पूरा नहीं करते हैं। विभाग से छह निबंधित है अस्पतालों के अलावे दर्जनों अस्पताल एवं लैब संचालित हो रहे हैं। इसी तरह से बिना फार्मासिस्ट के सैकड़ों की संख्या में दवा दुकानों चल रहे हैं। जिस पर कभी जांच नही की जाती। एक दवा दुकानदार ने बताया की होलसेल के लाइसेंस पर खुदरा दवा दुकान चलाते हैं। जिसमे फार्मासिस्ट की जरूरत नही होती है। जब कभी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जांच के लिए आते हैं उसे मैनेज कर लिया जाता है। ज्ञात हो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों साठगांठ से पूरा खेल चल रहा है। जहा जांच के नाम पर कार्रवाई होती बाद में मामले को रफा दफा कर दिया जाता है। पूर्व में झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही के कारण कितने लोगो को इलाज के दौरान अपनी जान गवानी पड़ी है। बताते हैं कि इन निजी अस्पताल में ना तो एंबुलेंस है, ना विशेषज्ञ डॉक्टर हैं। सिर्फ नामी डॉक्टर का बैनर लगा वगैर डिग्री प्राप्त डॉक्टर इलाज करते हैं। जानकारों का कहना है कि अधिकांश लैब बिना डिग्री वाले संचालित कर रहे हैं। जहां न तो मरीजों की ठीक से जांच की जा रही है और न ही उनकी रिपोर्ट ही सही आ रही है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. अनुज चौधरी ने कहा की पांच से छह निजी केंद्रों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा लाइसेंस प्राप्त है। जिनका समय-समय पर जांच की जाती है। विभाग द्वारा जारी मानकों की जांच की जाती है। जांच के दौरान सफाई, बॉयवास्ट, आग्निशामक सहित अन्य उपकरण के रख रखाव की जानकारी भी दी गई है। मानकों को पूरा नहीं करने वाले अस्पतालों कार्रवाई भी की जाती है। साथ ही बिना फार्मासिस्ट और लाइसेंस के अस्पतालों की सूची वरीय अधिकारी को दी गई है। जांच के दौरान बिना निबंधन पाए जाने वाले अस्पतालों और अल्ट्रासाउंड को सिल कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। रोहतास थानाध्यक्ष निकुंज भूषण प्रसाद ने बताया कि प्रसव के दौरान मौत को लेकर कोई आवेदन नहीं मिला है। अगर कोई मिलता है तो उसमें संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।