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साहित्यकार नंदकिशोर नवल को दी गई श्रद्धांजलि

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साहित्यकार नंदकिशोर नवल को दी गई श्रद्धांजलि
हिन्दुस्तान टीम,सासारामThu, 14 May 2020 01:03 PM
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सासाराम। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि

जिले के वरिष्ठ कथाकार नर्मदेश्वर की अध्यक्षता में हिन्दी के विख्यात प्रगतिशील आलोचक, कवि व संपादक रहे डॉ. नंद किशोर नवल के असामयिक निधन पर प्रगतिशील लेखक संघ की जिला इकाई के माध्यम से श्रद्धांजलि दी गई। वीडीयो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक शोकसभा का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के कई लेखकों व बुद्धिजीवियों ने उनके प्रति अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कथाकार रामाशीष सिंह ने नवल जी के देहावसान को हिन्दी साहित्य के लिए अपूरणीय क्षति बताया। डॉ. गुरूचरण सिंह व डॉ. रौशन ने कहा कि नवल जी आलोचक व कवि होने के साथ कुशल संपादक भी थे। उन्होने आलोचना जैसी प्रतिष्ठित पत्रिका का लंबे समय तक संपादन किया। इसके साथ कसौटी जैसी चर्चित पत्रिका के माध्यम उन्होंने हिन्दी के कई नए लेखकों, कवियों को एक सक्षम मंच प्रदान किया। डॉ. मृत्युंजय सिंह ने नवल जी के हिन्दी आलोचना में उनके अवदान को रेखांकित करते हुए कहा कि उन्होंने हिन्दी आलोचना का विकास, मुक्तबोध ज्ञान व संवेदना, निराला व मुक्तिबोध चार लंबी कविताएं, कवित के आर-पार आदि आलोचनात्मक ग्रंथों से आलोचना विधा को समृद्ध किया है। उन्होंने निराला रचनावली, दिनकर रचनावली, रुद्र समग्र जैसे ग्रंथों का संपादन किया है। अध्यक्षता करते हुए कथाकार नर्मदेश्वर ने उनके साथ पटना में बिताए अपने शुरूआती दिनों को याद करते हुए उनके व्यक्तित्व के कई अनछुए पहलुओं की चर्चा की। डॉ. शोएब रूमी आदि कई लेखक व साहित्यकारों ने अपनी श्रद्धांजलि दी।

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