चेनारी। एक संवाददाता
प्रखंड में पीएचईडी विभाग से 98 योजना कई करोड़ की लागत से शुरू की गई। योजना का टेंडर भी हुआ। ठेकेदार कार्य भी शुरू किए, लेकिन उसे अभी तक पूरा नहीं किया गया। 80 फ़ीसदी योजना अधूरी हैं। इन योजनाओं का उद्घाटन विधानसभाा चुनाव के पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था। विभाग के अधिकारी भी अधूरी रिपोर्ट दे योजना का उद्घाटन करा दिए। लेकिन उसका लाभ अभी तक ग्रामीणों को नहीं रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार राशि निकाल मस्ती कर रहे हैं। कई जगह कार्य में भारी अनियमितता हुई है। अधिकारी यदा-कदा चेनारी आते हैं। ठेकेदार के कर्मी मनमानी ढंग से कार्य करा रहे हैं। पहाड़ी इलाकों में योजना का बड़ा महत्व है। प्रतिवर्ष पहाडी इलाकों में पेयजल की किल्लत होती है। अक्टूबर माह में भी कई गांव में कैमूर पहाड़ी की तराई वाले इलाकों के लोग पेयजल की किल्लत महसूस करने लगे हैं।
सरकार द्वारा कई वर्ष पूर्व सात निश्चय योजना अंतर्गत नल जल योजना पंचायतों के वार्ड द्वारा कुल 69 योजना का शुभारंभ किया गया था। जिसमें एक दर्जन योजना पूर्ण हो गया है। सबसे बुरा हाल पीएचईडी विभाग की योजनाओं की है। जिससे 98 योजना शुरू की गई थी, जिसमें चार दर्जन योजना अधूरा पड़ा है। करोड़ों रुपए पीएचईडी के ठेकेदार व वार्ड सदस्य लेकर फरार हो गए हैं। किसी पर कोई कार्रवाई भी नहीं हुई है। अधिकारी भी मूकदर्शक बने हुए हैं ग्रामीणों का कहना है कि इनकी भी संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता। लगभग 90 फ़ीसदी योजनाओं से लाख रुपए योजना से निकासी की गई है। दो वर्ष से अधिक योजनाओं की की राशि निकाली गई थी। इसकी सुधि लेने वाला भी कोई नहीं है।ग्रामीणों ने कार्य में अनियमितता पर विभाग में आवेदन भी दिया, लेकिन उस आवेदन को पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पीएचईडी द्वारा कराए जा रहे कार्य का लेखा-जोखा प्रखंड कार्यालय में उपलब्ध नहीं है।
कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में पीएचईडी विभाग के कनीय अभियंता अशोक कुमार ने कहा कि अधिकांश योजना लगभग पूर्ण हो चुकी है, कितनी पूर्ण हुई है व कितनी अपूर्ण है, अभी इसकी जानकारी नहीं है। रिपोर्ट देखने के बाद ही पता चलेगा।
फोटो नंबर -11
कैप्शन -चेनारी प्रखंड में अधूरे पड़े नल जल योजना की स्थिति।