दिनारा। निज संवाददाता
दिनारा नगर पंचायत की श्रेणी में आने के बाद दिनारावासियों में विकास को ले चौक-चौराहे पर चर्चा शुरू हो गई है। पंचायत चुनाव की सुगबुहाहट शुरू होने के बाद राजनैतिक लोग मुखिया सहित अन्य पदों के लिए चहलकदमी शुरू किए थे। अब नगर पंचायत के बाद अगली रणनीति की शुरूआत में लगे हैं दिनारा के नगर पंचायत बनते ही नगर पंचायत में आने वाले गांव, टोलें में परिवर्तन होगा। नगर पंचायत के शहर-गांव का सौंदर्यीकरण होगा। ड्रेनेज सिस्टम पुख्ता होगा। सड़कें चौड़ी व व्यापार का दायरा बढ़ेगा। एक ओर शहर की गलियां चकाचक होंगी, वहीं संपूर्ण क्षेत्र स्ट्रीट लाइट की रोशनी से जगमग होगा। सफाई से ले अन्य सुविधा लोगों को मिलेगी, जो नगर पंचायत के क्षेत्राधिकार में आता है।
स्थानीय लोगों को निर्माण कार्य के लिए नक्शा पास कराना पड़ेगा। चाहे गृह निर्माण हो, व्यावसायिक प्रतिष्ठान हो या कोई कार्य। इसके अलावे निबंधन से ले होल्डिंग टैक्स के दाएरे में नगर पंचायतवासी आएंगे। व्यावसाईयों से ले रोजगार करने वाले, रेहड़ी वाले नगर पंचायत के ग्रामीण क्षेत्र में पहली बार लोगों को टैक्स भरना होगा। नगर पंचायत में दिनारा पंचायत के दो गांव दिनारा व कुंड के 15 वार्ड शामिल किए गए हैं। इसमें उत्तर में जमरोढ़ व धर्मागतपुर,दक्षिण समहुती व गोपालपुर, पूरब भानस जबकि पश्चिम अकोढ़ा पंचायत के सरेया तक सीमा निर्धारित है। नपं की आबादी 14579 है। जिसमें दिनारा पंचायत के दिनारा के वार्ड 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 व कुंड गांव के वार्ड 11, 12, 13, 14 व 15 शामिल हुए हैं।
दर्जा मिलने से यह लाभ होंगे
नए शहरी निकाय बनने से पानी, बिजली, सड़क, सफाई, स्ट्रीटलाइट की व्यवस्था बेहतर होती है। वित्त आयोग से नगर निकायों को गांव से ज्यादा अंश मिलेगा। राज्यांश व केद्रांश की हिस्सेदारी मिलेगी। विकास की गाड़ी तेजी से दौड़ेगी। नए नगर निकायों से होल्डिंग टेक्स, मकान नक्शा स्वीकृति टैक्स राशि से राजस्व की प्राप्ति होगी व जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना आसान होगा।