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खनन कार्य बंद होने से सरकार को लगा 200 करोड़ का चूना

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खनन कार्य बंद होने से सरकार को लगा 200 करोड़ का चूना
हिन्दुस्तान टीम,सासारामSat, 19 Jan 2019 09:43 PM
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वर्ष 2012 से जिले के पत्थर कार्य पर लगा हुआ है प्रतिबंध

अवैध खनन से जिले में कई तरह की उत्पन्न हो रही थी समस्या

सासाराम। निज प्रतिनिधि

आखिरकार जिले के खनन कार्य को वैधानिक दर्जा देने की प्रक्रिया शुरू हो गई। सात फरवरी से तीन खनन पट्टों की नीलामी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस कार्य में सरकार को करीब छह साल का समय लग गया। इन छह सालों में खनन विभाग को करीब 200 करोड़ रूपए राजस्व की क्षति हुई है। अगर छह साल पहले खनन विभाग ने पट्टों की बंदोबस्ती की होती तो इसकी अवधि अब तक समाप्त हो चुकी होती। ऐसा नहीं होने से एक अवधि का राजस्व पानी में चला गया। साथ ही अवैध खनन के कारण बड़े पैमाने पर प्राकृतिक संसाधनों का दोहन हुआ है। अवैध पत्थर कारोबार से जिले में कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। अवैध कारोबार नक्सलवाद से लेकर आपसी खूनी संघर्ष का जड़ बन गया था।

वर्ष 2012 से खनन पर प्रतिबंध

जिले में खनन कार्य पर वर्ष 2012 से प्रतिबंध लगा हुआ है। केन्द्रीय टीम की रिपोर्ट के आधार विभाग ने 30 अप्रैल 2012 को जिले में खनन कार्य पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद जून 2016 खनन पट्टों की बंदोबस्ती की प्रक्रिया शुरू की गई। बहुत आवेदकों ने खनन पट्टों की नीलामी के लिए निविदा डाले थे। लेकिन निविदा खुलने से पहले ही इस पर रोक लग गई। इसके करीब ढाई साल बाद फिर से बंदोबस्ती की प्रक्रिया शुरू करने की विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना जारी होते ही खनन पट्टों की नीलामी के लिए हलचल शुरू हो गई है।

196 करोड़ रखी गई है पट्टों की कीमत

खान एवं भूतत्व विभाग ने गायघाट व गिजवाही के तीन पट्टों की बंदोबस्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सात फरवरी से निविदा की प्रक्रिया शुरू होगी। तीनों खनन पट्टों की कीमत खनन विभाग ने करीब 196 करोड़ रखी है। इतना तो खनन विभाग को प्राप्त होना निश्चित है। लेकिन सूत्रो की मानें तो ई टेंडरिंग के कारण तीनों खनन पट्टों की नीलामी से सरकार को करीब 1200 करोड़ का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। ई-टेंडरिंग के कारण निविदा मैनेज होने की संभावना नहीं रहती है। इस कारण एक पट्टा की बोली करीब तीन सौ से चार सौ तक लगने की उम्मीद है। इससे सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व प्राप्त होगी।

कई तरह की समस्याओं का जड़ है अवैध खनन

जिले में अवैध खनन कार्य से कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो रही है। इसका सबसे बड़ा दुष्परिणाम सड़क हादसे के रूप मे सामने आया है। अवैध खनन के कार्य में लगे वाहन प्रतिदिन कई लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इसके अलावा अवैध खनन कार्य पर वर्चस्व को लेकर अक्सर खूनी संघर्ष होते रहते हैं। इस कार्य में नक्सलियों की संलिप्तता की बात भी सामने आती है। इससे नक्सलवाद को बढ़ावा मिल रहा है। अब खनन पट्टों की बदोबस्ती से इस समस्याओं पर विराम लगने की संभावना है।

क्या कहते हैं अधिकारी

रोहतास में पत्थर खनन बंद होने से राजस्व की काफी क्षति हुई है। लेकिन, इसका आंकलन नही किया जा सका है। बंद होने के पीछे कई कारण थे। अब सरकार जिले के तीन खनन पट्टो की निलामी प्रक्रिया शुरू की है।

रियाजुल हक, खनन निरीक्षक, रोहतास।

फोटो नंबर-3

कैप्शशन- गिजवाही मे के समीप पत्थर की तुड़ाई करते मजदूर।

इनसेट

बंदोबस्ती की अधिसूचना जारी होते ही बढ़ी हलचल

सासाराम। रोहतास के तीन खनन पट्टों की बंदोबस्ती की अधिसूचना जारी होते ही हलचल तेज हो गई है। बंदोबस्ती की प्रक्रिया में भाग लेने वाले लोगों के द्वारा खनन पट्टों का भ्रमण शुरू हो गया है। खनन पट्टों की नीलामी में दांव लगाने वाले लोग शुक्रवार को दिन भर इसकी जानकारी जुटाने में लगे रहे। शुक्रवार को बड़ी संख्या में लोग तीनों खनन पट्टों को देखने के लिए पहुंचे थे। उनके द्वारा स्थानीय लोगों से तीनों खनन पट्टों के बारे में कई तरह की जानकारी ली गई। मसलन तीनों खनन पट्टों में से किसका पत्थर बेहतर है, किस खनन पट्टा में सबसे ज्यादा अवैध खनन का कार्य हुआ है देखी। स्थानीय लोगों की मानें तो शुक्रवार से हीं पट्टा देखने आने वालों का सिलसिला लगा हुआ है। खनन पट्टा देखने वालों के आने से गायघाट व गिजवाही में हलचल बढ़ गई है। खनन पट्टा देखने वालों के आने के कारण अवैध खनन कार्य में लगे लोग परेशान रहे। निप्र

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