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जिले के 421 दिव्यांग बच्चे अब बनेंगे सक्षम

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जिले के 421 दिव्यांग बच्चे अब बनेंगे सक्षम
हिन्दुस्तान टीम,सासारामMon, 19 Nov 2018 10:32 PM
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सर्वे कर बनायी गई सूची में शामिल दिव्यांग बच्चों को मिलेंगे उपकरण

स्कूलों में जांच शिविर लगाकर दिव्यांग बच्चों की मिलेगी कई सुविधाएं

सासाराम। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि

जिले के मूक-बधिर व अन्य कारणों से दिव्यांग बच्चों के दिन बहुत जल्द सुधरेंगे। जिला प्रशासन ने इसके लिए जिले के विभिन्न इलाकों में सर्वे कर करीब 421 दिव्यांग बच्चों की सूची बनायी है। इसके साथ ही शिक्षा विभाग द्वारा भी विगत दिनों स्कूलों में जांच शिविर का आयोजन कर वैसे दिव्यांग छात्रों की सूची तैयार की गई है। जो आंशिक रूप से मूक-बधिर हो या फिर मानसिक रूप से दिव्यांग हो। जिलाधिकारी के निर्देश पर वैसे बच्चों को कानपुर की एलिम्को संस्था द्वारा दिव्यांगता से जुड़े उपकरण व विशेष प्रशिक्षण दिए जाएंगे। विदित हो कि एलिम्को कंपनी देश भर में विभिन्न तरह की दिव्यांगता को लेकर प्रशिक्षण शिविर, दवा व अन्य आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराती है। यही कंपनी जिले में दिव्यांग बच्चों के बीच उपकरण वितरण करने के साथ छोटे ऑपरेशन व चिकित्सीय सुविधा भी उपलब्ध कराएगी।

पिछले महिने दिव्यांग बच्चों का हुआ था सर्वे

सामाजिक सुरक्षा कोषांग, स्वास्थ्य विभाग व शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चलाए जा रहे इस विशेष अभियान से सैकड़ों दिव्यांग बच्चों को लाभ मिलेगा। पिछले महिने डीएम के निर्देश पर तीनों विभाग ने अपने स्तर से सर्वे कर जिले में आंशिक रूप से दिव्यांग बच्चों की सूची बनायी गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों के माध्यम से सर्वे कर जिले में ऐसे 421 बच्चों की सूची बनायी गई है। शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों में जिनमें बोलने या सुनने की क्षमता कम है। उन बच्चों का आवश्यकतानुसार उपकरण लगाने के साथ ही उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। वहीं शून्य से दो साल के बच्चों में सुनने या बोलने की क्षमता को विकसित करने की प्रक्रिया आसान होने पर उपकरण के साथ आवश्यकतानुसार छोटा ऑपरेशन कर उनकी क्षमता को बढ़ाया जाएगा। शून्य से दो साल के बच्चों में सुनने या बोलने की क्षमता विकसित करना बड़े बच्चों की अपेक्षा ज्यादा आसान होती है। सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक अशोक कुमार चौधरी ने बताया कि जिले में सर्वे कर सूची बनायी गई है। जिसमें शामिल बच्चों को विशेष प्रशिक्षण व उपकरण देने की योजना है।

स्कूलों में शिविर लगा दिव्यांग बच्चों की हुई थी जांच

पिछले महिने की जिले के तीनों अनुमंडलों सासाराम, डेहरी व बिक्रमगंज में मध्य विद्यालयों में शिविर लगाकर दिव्यांग बच्चों की जांच की गई थी। उनमें से करीब 534 बच्चों में आंशिक दिव्यांगता पायी गई थी। जिला प्रशासन ने इन आंशिक दिव्यांग बच्चों के जीवन में सुधार के लिए भी काम करेगी। कक्षा एक से छठी कक्षा तक के बच्चों के बीच दिव्यांगता को लेकर उनकी हीन भावना खत्म करने के लिए शिविर लगाकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं कक्षा सात से बारहवीं तक के आंशिक रूप से दिव्यांग बच्चों के बीच सुनने वाली मशीन के वितरण के साथ ही अन्य प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया जनवरी माह से शुरू होगी। स्वास्थ्य विभाग ने वैसे सभी बच्चों की सूची के अनुसार जिला प्रशासन को दिव्यांग बच्चों की संख्या व आवश्यक उपकरण के बारे में रिपोर्ट सौंपी है। इन दिव्यांग बच्चों के शरीर में कोकलेयर मशीन को डालने से उनकी क्षमता काफी विकसित होगी। जिला प्रशासन ने इसके अलावे वैसे सभी बच्चों की सूची भी स्वास्थ्य विभाग व शिक्षा विभाग के संयुक्त अभियान के तहत तैयार करा रह है। जो जांच शिविर या सर्वे से वंचित रह गए हो। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक केएन तिवारी ने कहा कि मूक-बधिर बच्चों में सुनने व बोलने की क्षमता विकसित करने के लिए जांच शिविर लगे थे। अब वैसे बच्चों को उपकरण व अन्य सामग्री दी जाएगी।

क्या कहते हैं अधिकारी

शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों में आंशिक दिव्यांगता दूर करने के लिए सर्वे कराने के साथ ही स्कूलों में शिविर लगाकर सूची तैयार की गई है। पहले चरण में जिले में 421 आंशिक रूप से दिव्यांग बच्चों को प्रशिक्षण, ऑपरेशन के साथ विशेष उपकरण दिए जाएंगे।

पंकज दीक्षित, जिलाधिकारी, रोहतास।

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