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सरायरंजन विधानसभा सीट: तीनों चुनाव में जदयू का परचम, चौथे में विजय चौधरी के सामने चुनौती

सरायरंजन विधानसभा सीट: तीनों चुनाव में जदयू का परचम, चौथे में विजय चौधरी के सामने चुनौती

संक्षेप: बिहार की सरायरंजन विधानसभा सीट पर लगातार तीन चुनावों में जदयू को जीताकर विजय चौधरी यहां से प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। 2025 के विधानसभा चुनाव में उनके सामने चौथी बार जीत हासिल करने की चुनौती है।

Sat, 2 Aug 2025 10:37 AMJayesh Jetawat हिन्दुस्तान, मृत्युंजय कुमार ठाकुर, सरायरंजन (समस्तीपुर)
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बिहार के समस्तीपुर जिले की सरायरंजन विधानसभा सीट परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आई। तब से लगातार इस सीट पर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का कब्जा है। विजय कुमार चौधरी बीते 15 वर्षों से इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। वर्तमान में वह नीतीश सरकार में जल संसाधन और संसदीय कार्य विभाग के मंत्री हैं। यानी पिछले तीन चुनावों में सरायरंजन के मतदाताओं ने एक ही दल और एक ही चेहरे पर भरोसा किया। हालांकि इस दौरान प्रतिद्वंद्वी बदलते रहे।

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2010 के पहले विधानसभा चुनाव में जदयू के विजय कुमार चौधरी ने आमने-सामने की टक्कर में राजद के रामाश्रय सहनी को करीब 17 हजार मतों के अंतर से पराजित किया था। 2015 में जदयू ने महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। भाजपा ने रंजीत निर्गुणी को उतारा और चुनाव में जदयू की जीत का अंतर बढ़ गया। 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद ने प्रत्याशी बदला और अरविंद कुमार सहनी पर दांव खेला, लेकिन जदयू ने पुन: जीत दर्ज की। अलबत्ता सहनी ने विजय चौधरी को कांटे की टक्कर दी और जदयू की जीत का अंतर घटकर 3682 रह गया।

2010 के चुनाव में पराजित रामाश्रय सहनी 1995-2000 के बीच लालू प्रसाद की कैबिनेट में पशुपालन मंत्री रह चुके हैं। हालांकि वह सरायरंजन से कभी चुनाव नहीं जीत पाए। विजय कुमार चौधरी के 15 वर्षों के कार्यकाल में क्षेत्र में विकास के ऐसे कई काम हुए, जो दिखते हैं। इनमें मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना प्रमुख है। सड़कें भी बनीं। हालांकि कृषि आधारित उद्योग नहीं लग पाए हैं।

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जातीय समीकरण की बड़ी भूमिका :

2010 के परिसीमन में मोरवा और दलसिंहसराय विधानसभा क्षेत्र से अलग होकर अस्तित्व में आई सरायरंजन सीट पर यादव, कुर्मी, ब्राह्मण और मुस्लिम मतदाताओं की बड़ी आबादी है। उम्मीदवारों की हार-जीत में जातीय समीकरण की बड़ी भूमिका रही है। जदयू को अब तक ब्राह्मण मतदाताओं के अलावा कुर्मी और कुछ यादव वोटों का समर्थन मिलता रहा है। इसकी बदौलत जदयू ने तीनों विधानसभा चुनाव में अपना दबदबा कायम रखा।

सरैसा खैनी की खेती थी क्षेत्र की पहचान

सरायरंजन की पहले खास पहचान सरैसा खैनी को लेकर थी। यहां करीब 1500 एकड़ में किसान तंबाकू का उत्पादन करते थे। इसकी मांग सिर्फ बिहार की नहीं बल्कि बंगाल, झारखंड, यूपी, एमपी सहित अन्य कई राज्यों में रहती थी। तंबाकू की खेती पर रोक लगने के बाद किसानों ने अब अन्य फसलों के उत्पादन की ओर रुख किया है।

सरायरंजन विधानसभा सीट एक नजर में

सरायरंजन विधानसभा का कुल क्षेत्रफल लगभग 35 वर्ग किलोमीटर है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 2,82,825 है। इनमें 1,49,483 पुरुष और 1,33,339 महिला वोटर हैं। जबकि 3 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। सरायरंजन के उत्तर में समस्तीपुर, दक्षिण में मोहिउद्दीन नगर, पूरब में उजियारपुर और पश्चिम में मोरवा है। यह इलाका कृषि प्रधान है। खास तौर पर सब्जियों और फलों के लिए मशहूर रहा है। ऐसे में लोगों की अपेक्षा है कि कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना की जाए, ताकि लोगों को रोजगार मिल सके और किसानों की आमदनी बढ़े।

2025 में चुनाव के मुद्दे

⦁ क्षेत्र में बड़ी संख्या में बेरोजगारी

⦁ कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना

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ये घोषणाएं हुईं पूरी-

⦁ नरघोघी में राम जानकी मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिंग कालेज खुले

⦁ एएनएम व जीएनएम कॉलेज, पारा मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई

⦁ सड़क, पुल-पुलियों आदि का निर्माण भी हुआ

⦁ बलान और जमुआरी नदी में उड़ाही शुरू

⦁ यह इलाका कृषि प्रधान, खास तौर पर सब्जियों और फलों के लिए मशहूर रहा है

वायदे जो पूरे नहीं हुए

⦁ कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना

⦁ युवाओं के रोजगार को लेकर कोई विशेष पहल नहीं हुई

⦁ खेतों में पटवन को लेकर सरकारी स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं

⦁ क्षेत्र के जयमंगला स्थान का विकास नहीं हो सका

⦁ एक भी फैक्ट्री की स्थापना नहीं हो सकी

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पिछले चुनाव के मुद्दे-

⦁ सड़क, बिजली और पानी का इंतजाम

⦁ उद्योगों, खास तौर पर कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना, लोगों के लिए स्वास्थ्य

⦁ नदी की उड़ाही की मांग भी उठी थी। इस पर देर से ही सही, लेकिन काम शुरू हो चुका है।

बिहार के जल संसाधन मंत्री एवं सरायरंजन से विधायक विजय कुमार चौधरी का दावा है कि क्षेत्र में उन्होंने चौतरफा विकास किया है। सड़क, बिजली, पानी की व्यवस्था की। श्रीराम जानकी मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, पारा मेडिकल कॉलेज, एएनएम कॉलेज, पुल-पुलिया का निर्माण कराया। जनता के हर सुख-दुख में साथ रहे हैं और आगे भी रहेंगे।

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वहीं, पिछले चुनाव में उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी रहे राजद प्रत्याशी अरविंद कुमार सहनी का आरोप है कि मौजूदा विधायक के कार्यकाल के दौरान कोई भी काम ठोस नहीं हुआ है। लोगों को समय पर पानी, बिजली आदि नहीं मिल रही है। उन्होंने दावा किया कि हम लोग जनता के सेवक हैं। जनता की सेवा करते हैं और आगे भी करते रहेंगे।

Jayesh Jetawat

लेखक के बारे में

Jayesh Jetawat
राजनीतिक, सामाजिक, इंफ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन और अपराध जैसे विषयों पर लिखना पसंद है। मेवाड़ क्षेत्र (राजस्थान) के रहने वाले हैं, अभी बिहार कवर कर रहे हैं। लाइव हिन्दुस्तान से पहले ईटीवी भारत, इंडिया न्यूज, वे-2-न्यूज, टाइम्स ऑफ इंडिया जैसे संस्थानों में काम कर चुके हैं। समाचार के अलावा साहित्य पठन-लेखन में भी रुचि है। और पढ़ें
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