
संदेश विधानसभा सीट: सवर्ण-यादव वोट में सेंध मार RJD को टक्कर देने की तैयारी, भैंसुर और भावज की हुई थी जंग
संक्षेप: बिहार चुनाव: 2010 के चुनाव में संदेश विधानसभा क्षेत्र दो सगे भाइयों और 2020 का चुनाव भावज और भैंसुर के बीच मुकाबले को लेकर चर्चा में रहा। 2010 में भाजपा के संजय टाइगर 29988 मत पाकर चुनाव जीतने में भले ही सफल रहे पर इसमें अरुण यादव की बगावत की अहम भूमिका रही।
बिहार चुनाव: आरा जिला मुख्यालय से सटे संदेश विधानसभा क्षेत्र का अधिकतर हिस्सा सोन नदी से सटा है। वर्ष 2008 में बदले परिसीमन के बाद कोईलवर प्रखंड की सात ग्राम पंचायत समेत नगर पंचायत बड़हरा से कटकर संदेश विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा बनी। तब गड़हनी प्रखंड के कुछ हिस्से जो संदेश से अलग अगिआंव का हिस्सा बन गए थे। शुरुआती दौर में मजबूत रही कांग्रेस को यहां 1980 के बाद जीत नहीं मिली है। पहले कांग्रेसी रहे सोनाधारी सिंह ने 1985 में लोक दल के टिकट पर चुनाव जीत दर्ज की और 1990 में जनता दल के टिकट पर जीत हासिल कर मंत्री बने।
इसके बाद से संदेश राजद और लालू यादव के लिए जिले की सुरक्षित सीट बनकर रह गयी। हालांकि, अपनों की सेंधमारी में लालू यादव के प्रत्याशी को बीच-बीच में हार भी झेलनी पड़ी। 1995 में जनता दल के प्रत्याशी रहे सोनाधारी सिंह को निर्दलीय लड़कर बिजेन्द्र सिंह यादव ने हराने का काम किया। तब पहली बार भाकपा माले के रामेश्वर प्रसाद जीते थे। इसके बाद 2000 के चुनाव में राजद ने बिजेन्द्र यादव को टिकट दिया और वे समता पार्टी के सोनाधारी सिंह को हराने में कामयाब रहे थे।
लेकिन, 2005 के फरवरी में हुए चुनाव में निर्दलीय अनिल सम्राट ने राजद के वोटों में सेंधमारी की और फिर से माले के रामेश्वर प्रसाद जीत गये। हालांकि, तब सरकार का गठन नहीं हुआ और 2005 के अक्टूबर में हुए चुनाव में विजयेंद्र यादव राजद के टिकट पर चुनाव जीत गये। फिर अगले चुनाव 2010 में बिजेन्द्र यादव के छोटे भाई अरुण कुमार ने ही निर्दलीय खड़े होकर उन्हें तीसरे स्थान पर खिसकने को मजबूर कर दिया। राजद का कोर वोट विजयेंद्र से अधिक निर्दलीय अरुण को अधिक मिले। लेकिन, जीत भाजपा के संजय सिंह टाइगर को मिली।
तब भाजपा को पहली और आखिरी बार संदेश में जीत मिली। भले ही इस चुनाव में राजद को हार मिली, लेकिन परिसीमन बदलने से राजद की पकड़ और मजबूत हो गई। इसका लाभ 2015 के चुनाव में मिला और अरुण कुमार ने राजद के टिकट पर बड़े अंतर से भाजपा के संजय सिंह को हराया। पिछले 2020 के चुनाव में राजद के टिकट पर अरुण यादव की पत्नी किरण देवी चुनाव जीत गयीं। संदेश विधानसभा में यादव के साथ अन्य जातियों के वोटों की बदौलत राजद इसे अपने लिए सुरक्षित और मजबूत किला मानता रहा है।
इस मजबूत किले को तोड़ने के लिए इस बार एनडीए की ओर से मजबूत सामाजिक समीकरण तलाशा जा रहा है। स्वर्ण वोटरों के साथ पिछड़े और खासकर यादव वोटरों में सेंधमारी से एनडीए को जीत का रास्ता दिख रहा है। एनडीए बनने के बाद पहली बार 2020 में इस सीट पर जदयू ने अपना प्रत्याशी उतारा था। तब लोजपा ने जदयू का खेल खराब कर दिया था।
इस बार भी यह सीट जदयू कोटे में रहने की चर्चा है। हालांकि एनडीए की ओर से अभी तय नहीं हुआ है। भाजपा को एक बार इस सीट पर जीत मिली है, जबकि जदयू एक बार लड़ा है। इससे पहले समता पार्टी भी लड़ चुकी है। JDU के जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि संदेश क्षेत्र में राजद एक परिवार तक सिमटकर रह गया है।
इससे उनके समाज समेत हर वर्ग के मतदाताओं में भारी नाराजगी है। पूर्व में उनके परिवार के ही पति और भैंसुर विधायक रहे। अब बेटे को चुनाव लड़ाने की तैयारी है। ऐसे में लोगों का कहना है कि केवल एक परिवार का विकास हुआ है, जबकि जनप्रतिनिधि का काम पूरे क्षेत्र का विकास करना है। क्षेत्र में विधायक की ओर से कई महत्वपूर्ण कार्य नहीं हुए और समस्याओं का निदान नहीं किया गया।
मौजूदा विधायक किरण देवी ने कहा कि इस क्षेत्र में चार दर्जन से अधिक ग्रामीण सड़कों के निर्माण और जीर्णोद्धार की स्वीकृति मिली। कई जगह कार्य हो रहे हैं। पियनियां से बहिरो और गोढ़ना तक सड़क का पक्कीकरण कार्य हुआ। कई नहरों की उड़ाही हुई। क्षेत्र में जीरोमाइल के पास मेडिकल कॉलेज और कोईलवर में मेंटल अस्पताल का निर्माण हुआ। डिहरा गांव के पास चेक डैम का निर्माण जल्द शुरू होगा। ढेढुआ पंप नहर योजना के लिए सदन में आवाज उठाये जाने के बाद भी कार्य नहीं हुआ।
पांच साल में हुए बदलाव
● जाम से निजात के लिए संदेश से कोईलवर तक सोन बांध की पक्कीकरण की स्वीकृति।
● जोकटा-जहनपुर के पास नदी में पुल निर्माण की स्वीकृति।
● मठियापुर से खोलपुर होकर बडीहा गांव तक नई सड़क के निर्माण की स्वीकृति।
● बेलाउर बंगला से नानसागर मार्ग के जीर्णोद्धार समेत कई ग्रामीण सड़कों के निर्माण की स्वीकृति।
● पियनिया से बकरी होकर बहिरो लख तक सड़क पक्कीकरण कार्य।
दो सगे भाइयों, भैंसुर और भावज की जंग में चर्चा में रही सीट
2010 के चुनाव में संदेश विधानसभा क्षेत्र दो सगे भाइयों और 2020 का चुनाव भावज और भैंसुर के बीच मुकाबले को लेकर चर्चा में रहा। 2010 में भाजपा के संजय टाइगर 29988 मत पाकर चुनाव जीतने में भले ही सफल रहे पर इसमें अरुण यादव की बगावत की अहम भूमिका रही। तब निर्दलीय अरुण यादव 23,166 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे और राजद के विजयेंद्र यादव 16779 मत पाकर तीसरे स्थान पर खिसक गये। इसी तरह 2020 में अरुण यादव की पत्नी किरण देवी (भावज) और जदयू के विजयेन्द्र यादव (भैंसुर) के बीच मुकाबला हुआ।
कार्य जो पूरे नहीं हुए
● जीरोमाइल के पास जाम की और जलनिकासी की समस्या पहले की तरह बरकरार।
● ढेढुआ पंप नहर योजना पहले की तरह फिर नहीं हुई पूरी, किसानों की मांग बरकरार।
● खराब होकर बंद पड़े कई स्टेट बोरिंग चालू नहीं होने से क्षेत्र में सिंचाई की समस्या बरकरार।
● कई गांवों में जर्जर ग्रामीण सड़कों के कार्य पूरे नहीं हुए।
● उदवंतनगर प्रखंड मुख्यालय समेत कई जगहों पर खेल मैदान का निर्माण नहीं हुआ।
साल : प्रत्याशी- एवं पार्टी
1972 : रामजी प्रसाद- (भारतीय जनसंघ)
1977 : रामदयाल सिंह- (जनता पार्टी)
1980 : सिद्धनाथ राय- (कांग्रेस आई.)
1985 : सोनाधारी सिंह- ( लोक दल )
1990 : सोनाधारी सिंह- ( जनता दल )
1995 : रामेश्वर प्रसाद- (सीपीआईएमएल)
2000 : बिजेन्द्र कुमार सिंह- (राजद)
2005 फरवरी : रामेश्वर प्रसाद- (सीपीआईएमएल)
2005 अक्टूबर: बिजेन्द्र कुमार सिंह- (राजद)
2010 : संजय सिंह टाइगर- ( भाजपा )
2015 : अरुण कुमार- ( राजद )
2020 : किरण देवी- ( राजद )
संदेश में इस बार जनसुराज भी कड़े मुकाबले की तैयारी में पहली बार चुनाव मैदान में उतरने वाली प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी भी इस बार संदेश में कड़ा मुकाबला देने की तैयारी कर रही है। वैसे संदेश में कई बार त्रिकोणीय मुकाबले होते रहे हैं और कई बड़ी पार्टियों का खेल बिगड़ता रहा है। ऐसे में जनसुराज के आने से मुकाबला रोचक बन सकता है।





