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सम्राट चौधरी 7वीं पास, मर्डर केस में जेल गए; NDA के 5 नेताओं पर प्रशांत किशोर के ताबड़तोड़ आरोप

सम्राट चौधरी 7वीं पास, मर्डर केस में जेल गए; NDA के 5 नेताओं पर प्रशांत किशोर के ताबड़तोड़ आरोप

संक्षेप: प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया है कि सम्राट चौधरी सातवीं पास ही हैं और मर्डर केस में जेल भी जा चुके हैं। पीके ने भाजपा नेता दिलीप जायसवाल, मंगल पांडेय, संजय जायसवाल और जेडीयू नेता अशोक चौधरी पर भी क्राइम और करप्शन के ताबड़तोड़ आरोप मढ़े हैं।

Sun, 21 Sep 2025 12:57 PMJayesh Jetawat लाइव हिन्दुस्तान, पटना
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बिहार चुनाव से पहले जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर एनडीए के नेताओं पर ताबड़तोड़ आरोपों की बौछार कर रहे हैं। प्रशांत ने कहा कि डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी सातवीं पास हैं और उन्होंने बिना मैट्रिक पास किए डॉक्टरेट की डिग्री ले ली। साथ ही वे कांग्रेस नेता सदानंद सिंह के मर्डर केस में जेल जा चुके हैं और खुद को नाबालिग बताकर बाहर निकले। प्रशांत ने एक साथ एनडीए के पांच नेताओं पर शुक्रवार को गंभीर आरोप लगाए। सम्राट के अलावा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी, बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और भाजपा सांसद संजय जायसवाल उनके निशाने पर रहे।

प्रशांत किशोर ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सम्राट चौधरी नाम बदलने के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने राकेश कुमार नाम को बदलकर बाद में सम्राट चौधरी किया था। मगर उनका पहला नाम राकेश नहीं बल्कि सम्राट कुमार मौर्य था। साल 1998 में कांग्रेस नेता सदानंद सिंह की बम से उड़ाकर हत्या कर दी गई थी। उसमें 6 लोगों की जान गई थी। सम्राट के परिवार से सदानंद की राजनीतिक दुश्मनी थी। इस केस में सम्राट चौधरी को जेल हुई थी। 6 महीने बाद खुद को नाबालिग बताकर वे जेल से बाहर आए थे।

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पीके ने आगे कहा कि सम्राट चौधरी आरजेडी कार्यकाल में बिना विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बने ही मंत्री बन गए थे। तब उनपर कम उम्र होने का केस हुआ था, जिसके बाद बर्खास्त कर दिया गया था। उस केस के आवेदन में सुप्रीम कोर्ट में लिखा गया कि सम्राट ने मैट्रिक का एग्जाम सम्राट कुमार मौर्य के नाम से दिया। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से अदालत में बताया गया कि सम्राट कुमार मौर्य को मैट्रिक परीक्षा में 234 नंबर मिले थे और वे फेल हो गए थे।

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प्रशांत किशोर ने कहा कि इसके बाद 2010 में सम्राट चौधरी द्वारा दिए गए हलफनामे में उन्होंने खुद को सातवीं पास बताया। 2010 के बाद उन्होंने कभी मैट्रिक की परीक्षा नहीं दी। 1998 में सुप्रीम कोर्ट में सम्राट ने जो दस्तावेज जमा किए गए, जिस आधार पर अदालत ने उनके केस का निर्धारण किया, उस दस्तावेज के मुताबिक सम्राट कुमार मौर्य मैट्रिक फेल हो गए थे। इसका दूसरा प्रमाण यह है कि 2010 में जब सम्राट चौधरी ने अपना हलफनामा दिया, उसमें लिखा कि वह सातवीं पास हैं।

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पीके ने कहा कि सम्राट चौधरी को बिहार की जनता को बताना चाहिए कि उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा किस साल में पास की थी। साथ ही सम्राट कुमार मौर्य पर मर्डर का आरोप लगा तो उन्होंने नाम बदलकर राकेश कुमार किया। फिर अपना नाम सम्राट चौधरी कर दिया। प्रशांत किशोर ने कहा कि वे जब राजद में था तब भी गुंडागर्दी करते थे, अब भाजपा में आकर भी लूटमार कर रहे हैं।

प्रशांत किशोर के आरोपों का औचित्य नहीं: सम्राट चौधरी

सम्राट चौधरी ने प्रशांत किशोर के आरोपों पर कहा कि उन्होंने उनके बारे में जो आरोप लगाए हैं, वे सभी पहले से ऑन रेकार्ड हैं। इसमें कोई नई बात नहीं है। इसलिए इसका औचित्य नहीं है। कहा कि 1995 की तत्कालीन सरकार में लालू यादव ने उनको, उनके पिता और परिवार के 22 लोगों को फंसा दिया। जांच में यह गैंगवार निकला। मानवाधिकार आयोग ने जुर्माना भी लगाया। न्यायालय ने पूरे परिवार को निर्दोष घोषित किया। उन्होंने कहा कि उनका नाम सम्राट चौधरी उर्फ राकेश कुमार हलफनामा में दर्ज है। पढ़ाई पर विवाद को लेकर सम्राट ने कहा कि उन्होंने कामराज यूनिवर्सिटी से पीएफसी कोर्स किया है और डी-लिट् की डिग्री मानद है।