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आवागमन व बाजार थमा, व्यवसाय प्रभावित

कोरोना वायरस ने जिले की अर्थव्यस्था को पूरी तरह से चरमरा कर रख दिया है। इन दिनों दूर देहात के लोगों के बाजार में नहीं आने के कारण बाजार वीरान पड़ गया है। इससे दुकानदार हाथ पर हाथ रखकर बैठने को मजबूर...

कोरोना वायरस ने जिले की अर्थव्यस्था को पूरी तरह से चरमरा कर रख दिया है। इन दिनों दूर देहात के लोगों के बाजार में नहीं आने के कारण बाजार वीरान पड़ गया है। इससे दुकानदार हाथ पर हाथ रखकर बैठने को मजबूर...
1/ 3कोरोना वायरस ने जिले की अर्थव्यस्था को पूरी तरह से चरमरा कर रख दिया है। इन दिनों दूर देहात के लोगों के बाजार में नहीं आने के कारण बाजार वीरान पड़ गया है। इससे दुकानदार हाथ पर हाथ रखकर बैठने को मजबूर...
कोरोना वायरस ने जिले की अर्थव्यस्था को पूरी तरह से चरमरा कर रख दिया है। इन दिनों दूर देहात के लोगों के बाजार में नहीं आने के कारण बाजार वीरान पड़ गया है। इससे दुकानदार हाथ पर हाथ रखकर बैठने को मजबूर...
2/ 3कोरोना वायरस ने जिले की अर्थव्यस्था को पूरी तरह से चरमरा कर रख दिया है। इन दिनों दूर देहात के लोगों के बाजार में नहीं आने के कारण बाजार वीरान पड़ गया है। इससे दुकानदार हाथ पर हाथ रखकर बैठने को मजबूर...
कोरोना वायरस ने जिले की अर्थव्यस्था को पूरी तरह से चरमरा कर रख दिया है। इन दिनों दूर देहात के लोगों के बाजार में नहीं आने के कारण बाजार वीरान पड़ गया है। इससे दुकानदार हाथ पर हाथ रखकर बैठने को मजबूर...
3/ 3कोरोना वायरस ने जिले की अर्थव्यस्था को पूरी तरह से चरमरा कर रख दिया है। इन दिनों दूर देहात के लोगों के बाजार में नहीं आने के कारण बाजार वीरान पड़ गया है। इससे दुकानदार हाथ पर हाथ रखकर बैठने को मजबूर...
हिन्दुस्तान टीम,समस्तीपुरThu, 19 Mar 2020 11:07 PM
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कोरोना वायरस ने जिले की अर्थव्यस्था को पूरी तरह से चरमरा कर रख दिया है। इन दिनों दूर देहात के लोगों के बाजार में नहीं आने के कारण बाजार वीरान पड़ गया है। इससे दुकानदार हाथ पर हाथ रखकर बैठने को मजबूर हैं। करीब एक पखवारे से बाजार की यह स्थिति है। कोरोना वायरस के कारण अन्य दिनों की अपेक्षा बाजारों में बिक्री 70 से 80 फीसदी कम हो गई है। लोगों की आवाजाही कम होने से जहां ऑटो चालकों की रोजी पर आफत आ गयी है वहीं दिहाड़ी मजदूरों के समक्ष भी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। स्थिति यह बन गई है कि हर रोज पांच सौ से एक हजार कमाई करने वाले चालकों व दुकानदारों को सौ रुपये भी नसीब नहीं हो रहे हैं। आम दिनों मेंज्यादा सवारी को लेकर सुबह ही घर से निकलने वाले ऑटो चालकों को शाम तक आधा दर्जन सवारी ही मिल पाती है। सवारी के इंतजार में वे पूरे दिन गाड़ी लगाकर स्टैंड में बैठे रहते हैं। इस कारण घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो गया है।

बैंक और फाइनेंस कंपनी से लिए गए लोन का किस्त भरने की चिंता इन्हे और सता रही है। यही स्थिति दिहाड़ी मजदूरों की भी है। फूटपाथ पर दुकान चलाने वाले दुकानदारों के सामने धीरे-धीरे भुखमरी की स्थिति बनती जा रही है। हिन्दुस्तान की ओर से गुरुवार को बाजार में पड़ताल की गई। इस दौरान पूरे बाजार में सन्नाटा दिखा। दुकानदार ग्राहकों का इंतजार करते नजर आए। शहर का सबसे व्यस्त चौराहा स्टेशन चौक पर भी लोगों की भीड़ न के बराबर ही थी।

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