समस्तीपुर के सीआरपीएफ के एसआई की तेलंगाना में गोली मारकर हत्या
शाहपुर पटोरी (समस्तीपुर)। निज संवाददाता पटोरी थाना क्षेत्र के इनायतपुर निवासी नंद कुमार...
शाहपुर पटोरी (समस्तीपुर)। निज संवाददाता
पटोरी थाना क्षेत्र के इनायतपुर निवासी नंद कुमार राय के पुत्र व सीआरपीएफ 39 बटालियन तेलंगाना में तैनात सब इंस्पेक्टर उमेश चंद्र (50) की रविवार को उनके सहकर्मी कांस्टेबल ने गोली मारकर हत्या कर दी। उमेशचंद्र को गोली मारने के बाद कांस्टेबल ने खुद को भी गोली मार कर आत्महत्या कर ली।
घटना की जानकारी बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर ने मृतक एसआई के परिजनों को दी है। इस घटना के बाद एसआई उमेश चंद्र के परिवार तथा पूरे इनायतपुर पंचायत में मातम पसर गया है। वर्तमान में उनकी पत्नी रेखा देवी अपनी बेटी के साथ कानपुर में रह रही हैं। घटना की सूचना मिलते ही एसआई की पत्नी एवं बेटी कानपुर से पटोरी के लिए प्रस्थान कर गई हैं।
पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रविवार शाम तक शव के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया तेलंगाना में पूरी कर ली गई है। सीआरपीएफ शव को उनके गृह ग्राम इनायतपुर भेजने की तैयारी की जा रही है। जानकारी के अनुसार उमेश चंद्र तेलंगाना के मुलुक जिले में अवस्थित वेंकटपुरम मंडल मुख्यालय स्थित सीआरपीएफ के 39 बटालियन में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत थे। कुछ ही दिनों पूर्व उनका स्थानांतरण उक्त बटालियन में हुआ था। रविवार सुबह लगभग 8:00 बजे सीआरपीएफ के कांस्टेबल कुक स्टीफन एवं सब इंस्पेक्टर उमेश चंद्र में किसी बात को लेकर विवाद हुआ। विवाद काफी बढ़ गया। इस बीच स्टीफन ने उमेशचंद्र पर गोली चला दी, जिससे घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। उमेश को गोली से मारने के बाद स्टीफन ने स्वयं अपने सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। गंभीर अवस्था में स्टीफन को वारंगल हॉस्पिटल में ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
1984 में हुए थे बहाल : उमेश चंद्र ने 1984 में सीआरपीएफ की नौकरी शुरू की थी। तीन बेटियों के पिता उमेश चंद्र ने एक बेटी की शादी कर दी थी, जबकि एक बेटी अपनी मां के साथ वर्तमान में कानपुर में तथा दूसरी बेटी पिता के साथ तेलंगाना में रह रही थी। उमेशचंद्र पांच भाई व दो बहनों में सबसे बड़े थे। घटना के बाद पिता नंद कुमार राय, मां लालपरी देवी, पत्नी रेखा देवी, पुत्री नेहा, रिमझिम, तान्या का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार शव को गृह ग्राम इनायतपुर आने में दो-तीन दिनों का वक्त लग सकता है। इस घटना से पूरा गांव सदमे में डूब गया है।
