श्रीमद्भागवत कथा भक्तों को दिखाती है जीने की राह
वर्तमान में लोगों की बेचैनी बढ़ती जा रही है। संपत्ति और संसाधन पाने और सहेजने की आपाधापी एवं होड़ में मानव जीवन की दिनचर्या बिगड़ती जा रही है। ऐसे में श्रीमद्भागवत कथा ही मानव जीवन को साधने का एकमात्र...
वर्तमान में लोगों की बेचैनी बढ़ती जा रही है। संपत्ति और संसाधन पाने और सहेजने की आपाधापी एवं होड़ में मानव जीवन की दिनचर्या बिगड़ती जा रही है। ऐसे में श्रीमद्भागवत कथा ही मानव जीवन को साधने का एकमात्र विकल्प है। उक्त बातें रहीमाबाद में चित्रसेन पोखर के समीप आयोजित नवाह महायज्ञ में पांचवे दिन मंगलवार को अपने प्रवचन में वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य दामोदर दास जी महाराज ने कही।
कहा कि एकाग्रचित्त मन से श्रीमद्भागवत कथा श्रवण से भक्तों को अपूर्व शांति मिलती है। उन्हें अपने जीवन की दिनचर्या को परिमार्जित करने का मूल स्रोत प्राप्त होता है। उन्होंने भक्तों को श्रीमद्भागवत कथा की बारीकियों से अवगत कराते हुए गृहस्थ जीवन की खुशहाली के सार तत्व की जानकारी दी। कथा सह महायज्ञ की पूर्णाहुति 28 अप्रैल को होगी।