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निष्पक्ष व पारदर्शी चुनाव में कारगर होगा सी विजिल एप, जानें इसके जरिये कैसे कर सकेंगे शिकायत

बिहार विधानसभा चुनाव में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी मिलने पर कोई भी व्यक्ति सीधे आयोग से इसकी शिकायत कर सकते हैं। निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग ने सी-विजिल एप लांच किया है।...

निष्पक्ष व पारदर्शी चुनाव में कारगर होगा सी विजिल एप, जानें इसके जरिये कैसे कर सकेंगे शिकायत
समस्तीपुर। उमेश कुमार मिश्रSat, 03 Oct 2020 05:26 PM
ऐप पर पढ़ें

बिहार विधानसभा चुनाव में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी मिलने पर कोई भी व्यक्ति सीधे आयोग से इसकी शिकायत कर सकते हैं। निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग ने सी-विजिल एप लांच किया है। सी-विजिल एप निष्पक्ष चुनाव कराने में कारगर साबित हो सकता है। इसको लेकर सभी मतदान अधिकारियों को भी प्रशिक्षण दिया गया है। ताकि एप पर शिकायत मिलते ही संबंधित क्षेत्र के सेक्टर मजिस्ट्रेट निष्पादन कर सकें। शिकायत मिलने के बाद लोकेशन में जाने के बाद ही अधिकारी मिले शिकायतों की जांच कर निष्पादन कर सकते हैं। साथ ही इसकी मदद से राजनीतिक गतिविधियों व आदर्श आचार संहिता के मामले का भी पता चलाया जा सकता है।
 सबसे अहम बात यह है कि कोई भी व्यक्ति अपनी पहचान छुपाते हुए भी चुनाव से संबंधित गड़बड़ियों की शिकायत कर सकते हैं। एप पर फोटो व वीडियो लोड के साथ ऑडियो भी अपलोड किया जा सकता है। आदर्श आचार संहिता के उल्लघंन की रिपोर्ट में देरी के परिणामस्वरूप अक्सर अपराधी निर्वाचन आयोग के उड़नदस्ता टीम से बच निकलते हैं, जिन्हें आदर्श आचार संहिता को लागू करने का कार्य सौंपा गया है। जिसके कारण आयोग को काफी परेशानी होती थी। लेकिन अब नए सी-विजिल ऐप अब इन शिकायतों को दूर करते हुये तत्काल शिकायतों का शतप्रतिशत निष्पादन करवा सकता है। आम लोगों के लिए निर्वाचनों के दौरान आदर्श आचार संहिता और व्यय के उल्लघंन की रिपोर्ट करने में काफी कारगर होगा।
दो मिनट का वीडियो होगा अपलोड
किसी भी गड़बड़ी से संबंधित एक फोटो खींचें या दो मिनट का एक वीडियो बनाए व शिकायत दर्ज करने से पहले उसका संक्षेप में उल्लेख करें। शिकायत के साथ संलग्न जीआईएस सूचना स्वत: आयोग के पास पहुंच जाएगा। जहां से संबंधित जिले को जांच के लिए भेज दी जाएगी। जिसके फलस्वरूप उड़नदस्ता टीम कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर भेजा जा सकता है।
ऐसे की जा सकती है शिकायत
आयोग की तैयार सी-विजिल के नाम से बनाए एप से आम मतदाता बिना अपनी पहचान उजागर किए चुनाव संबंधी शिकायत दर्ज करा सकता हैं। लेकिन की गई कारवाई की जानकारी से वंचित रहना होगा। यदि उपयोगकर्ता की ओर से अपनी पहचान नहीं छिपाई जाती है तो शिकायत के बाद सक्षम अधिकारी उससे संपर्क कर उसे प्रगति से अवगत कराता रहेगा। इसके साथ एप पर वोटर लिस्ट, बीएलओ, सुपर वाइजर्स सहित अन्य अधिकारियों की जानकारी भी देखी जा सकती है।
गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें
कोई भी व्यक्ति सी-विजिल मोबाइल एप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें उपयोगकर्ता अपनी सुविधा के अनुसार भाषा का चयन कर सकते हैं। फिर उपयोगकर्ता की पहचान सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल नम्बर पूछता है, जिसे ओटीपी डालने के बाद वेरिफाई किया जा सकता है। यदि उपयोगकर्ता अपनी पहचान छिपाना चाहे तो बिना मोबाइल दर्ज किए भी एप पर शिकायत दर्ज की जा सकती है।
यूजर की जीपीएस लोकेशन कर लेता ट्रेस
एप से लॉगिन करने के बाद स्क्रीन पर दो विकल्प आता है। उपयोगकर्ता फोटो या वीडियो के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है। दोनों में से कोई भी विकल्प चुनने के बाद एप यूजर की जीपीएस लोकेशन ट्रेस करता है। उसके बाद फोटो या वीडियो लेने के बाद शिकायत का प्रकार चुनना होता है। फिर उसकी जानकारी दर्ज कर शिकायत की जा सकती है।
अपलोड के लिये मिलेगा पांच मिनट का समय
सी-विजिल एप का प्रयोग सभी जगह नहीं हो सकता है। जहां निर्वाचन आयोग के कार्य वाले क्षेत्र में ही इसका प्रयोग किया जा सकता है। सी-विजिल उपयोगकर्ता को फोटो खींचने या वीडियो बनाने के बाद किसी घटना की रिपोर्ट करने के लिए पांच मिनट का समय मिलेगा। यह ऐप पहले से रिकॉर्ड की गई फोटो व वीडियो को अपलोड करने की अनुमति नहीं देता है और ना ही सीधे फोन गैलरी में इस ऐप से खींची गई फोटो व वीडियो सुरक्षित नहीं रखा जा सकेगा। इसके दुरूपयोग को रोकने और एक ही संस्थान से एक ही तरह की शिकायतों से बचने के लिए एप पर एक ही व्यक्ति के अगली शिकायत के बीच पांच मिनट का अंतर होगा।

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