ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार समस्तीपुररोसड़ा पुलिस ने बच्चा चोर गिरोह का किया खुलासा

रोसड़ा पुलिस ने बच्चा चोर गिरोह का किया खुलासा

रोसड़ा | एक प्रतिनिधि रोसड़ा पुलिस ने बच्चा गिरोह सदस्य का भंडाफोड़ करने में

रोसड़ा पुलिस ने बच्चा चोर गिरोह का किया खुलासा
हिन्दुस्तान टीम,समस्तीपुरSun, 07 Mar 2021 11:02 PM
ऐप पर पढ़ें

रोसड़ा | एक प्रतिनिधि

रोसड़ा पुलिस ने बच्चा गिरोह सदस्य का भंडाफोड़ करने में कामयाबी हासिल करने के साथ एक नवजात को उसकी जन्मदाता मां से मिलवाया। पुलिस ने इस गिरोह में संलिप्त आरोपियों को दबोच हवालात भी भेज दिया।

इस मामले में रविवार को रोसड़ा थाने पर एक प्रेस वार्ता में एसडीपीओ सहरियार अख्तर ने विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक बच्चा चोर गिरोह का पर्दाफाश किया गया है, जिसमें संलिप्त दो आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपी पति-पत्नी हैं। जिसमें थाना क्षेत्र के मोतीपुर गांव निवासी शंकर दास व उसकी पत्नी सरिता देवी उर्फ सारिका कुमारी शामिल है। सरिता देवी आशा कार्यकर्ता है। एसडीपीओ ने बताया कि चोरी किये गए नवजात बच्ची की बरामदगी कर ली गयी है, जिसे उसकी मां को सौंप दिया गया है। उन्होंने बताया कि मोतीपुर निवासी महेश राम की पत्नी झुनिया देवी ने थाना में आवेदन देकर अपनी नवजात बच्ची गायब कर दिए जाने की शिकायत दर्ज करायी थी।

इस मामले में पुलिस में त्वरित संज्ञान लिया और मामले की तहकीकात शुरू कर दी। छानबीन के क्रम में पता चला कि बीते 01 मार्च को महिला को प्रसव पीड़ा होने के बाद गांव की ही आशा सरिता ने डिलेवरी के लिए शहर के स्टेशन रोड स्थित शारदा हॉस्पीटल में भर्ती कराया। जहां उसी दिन झुनिया देवी ने एक बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद आशा सरिता नवजात के इलाज व टीका दिलाये जाने जैसे तरह-तरह के बहाने बनाकर नवजात को उसकी मां से दूर रखा। जब भी झुनिया अपनी बच्ची के संबंध में पूछती तो आशा सरिता उसे किसी ना किसी बहाने से टाल जाती थी। बहाने में उलझाकर ही उसने झुनिया को उक्त हॉस्पीटल से डिस्चार्ज भी करवा दिया। पर उसे उसकी नवजात बच्ची नहीं सौंपी। थक हारकर झुनिया देवी गांव के जनप्रतिनिधियों व गणमान्य लोगों के पास गुहार लगाने पहुंची।

बच्चे की चोरी में एक डॉक्टर का भी नाम आया सामने : मामला मुखिया व सरपंच के पास भी पहुंचा। सामाजिक स्तर पर आशा सरिता से पूछताछ भी की गई, पर वह बहाने बनाकर व तरह-तरह की कहानियां गढ़ बात को टालती रही। इसी बीच महिला ने थाने में शिकायत दर्ज करायी। जिसके बाद पुलिस ने त्वरित संज्ञान लेते हुए मामले की छानबीन प्रारंभ की। नगर इंस्पेक्टर सीताराम प्रसाद के नेतृत्व में बाल संरक्षण पदाधिकारी एसआई हारुण रसीद खां ने आरोपियों को धर दबोचा। पुलिस दबिश के बाद आरोपियों ने नवजात बच्ची को उसकी मां को सौंपा। एसडीपीओ ने बताया पूछताछ के क्रम में सरिता ने बच्ची को पटना में बेचे जाने की बात बतायी। इसमें शहर के महादेव मठ मोहल्ला का रहनेवाला रंजीत कुमार बिचौलिया है, जिसने नवजात को पटना के किसी व्यक्ति के हाथों बेचने में मदद की। पुलिस बिचौलिया रंजीत की भी तलाश कर रही है। छानबीन के क्रम में पता चला है कि रंजीत दवा का कारोबार करता है और उसके इस धंधे में राजकुमार नाम का एक चिकित्सक भी है। जिसकी तलाश में पुलिस जुटी है। एसडीपीओ ने बताया कि आशा कार्यकर्ता सरिता काफी शातिर है, इस मामले की वह मास्टरमाइंड है। पूर्व में भी इसके खिलाफ कई शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें