दिवंगत धर्मशीला की आंखों से दो नेत्रहीन देख सकेंगे दुनिया
मोहनपुर प्रखंड की सेवानिवृत्त शिक्षिका धर्मशीला देवी का निधन होने के बाद उनके पुत्र डॉ. जयेश और छह पुत्रियों ने उनकी इच्छा के अनुसार उनकी आंखें दान की। यह कार्य नेत्रहीन व्यक्तियों को दृष्टि प्रदान...
शाहपुर पटोरी/मोहनपुर, हिटी। मोहनपुर प्रखंड के जलालपुर की सेवानिवृत्त शिक्षिका धर्मशीला देवी (75) ने एक मिसाल प्रस्तुत की। उनकी मृत्यु के पश्चात् उनके इकलौते पुत्र डॉ. जयेश एवं छह पुत्रियों ने अपनी मां की इच्छा के अनुरूप अंतिम संस्कार से पूर्व उनकी दोनों आंखें दान कर दी। अब दिवंगत धर्मशीला देवी की उन्हीं दोनों आंखों से दो नेत्रहीन इस खूबसूरत दुनिया को निहार सकेंगे। मोहनपुर प्रखंड के जलालपुर निवासी स्व. चंद्र किशोर राय उर्फ सकलदीप राय एव उनकी धर्मपत्नी धर्मशीला देवी दोनों शिक्षक थे। वे मोहनपुर प्रखंड के प्राइमरी स्कूल जलालपुर में कार्यरत थीं। उनके पति का निधन कई वर्ष पूर्व हो चुका था। उन्होंने अपने इकलौते पुत्र डॉ जयेश एवं छह पुत्रियों के समक्ष इच्छा जताई थी कि उनके मरने के बाद उनकी दोनों आंखें दान कर दी जाएं। धर्मशीला के पुत्र व पुत्रियों ने सामूहिक निर्णय लेकर अपनी मां की मृत्यु के पश्चात उनकी इस इच्छा को पूरी की। गुरुवार 26 सितंबर को उनके निधन के बाद इसकी सूचना पीएमसीएच के नेत्र विभाग को दी गई। उनका पार्थिव शरीर पीएमसीएच ले जाया गया, जहां नेत्र विभागाध्यक्ष डॉ नागेश्वर शर्मा के निर्देशन में डॉ रमण विनय, डॉ. सिद्धार्थ, बृजेश कुमार, विपुल व ताहिर कुमार ने नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी कर कॉर्निया को दधिचि देहदान समिति को सौंप दिया। जिससे किसी दो नेत्रहीन व्यक्ति को दृष्टि प्रदान की जाएगी।धर्मशीला देवी पिछले कुछ वर्षों से बीमार थीं। उनके इकलौते पुत्र डॉ जयेश कुमार वैशाली जिले में दंत चिकित्सक हैं।
उनकी छह पुत्रियों में चार,शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। डॉ जयेश खुद दधिचि देहदान समिति से जुड़े हैं और उनकी प्रेरणा से सैंकड़ों लोग रक्तदान व कई लोगों की मरणोपरांत आंखें दान दी जा चुकी है। डॉ जयेश व उनकी चार शिक्षक बहनों समेत परिवार के अन्य सदस्यों ने भी मरणोपरांत नेत्रदान करने की शपथ ले रखी है। धर्मशीला देवी आज भले ही इस संसार में नहीं हैं परंतु उनकी आंखें अगली पीढ़ी को दृष्टि प्रदान करेगी।
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