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राहत : रात में भी हो रहा पोस्टमार्टम

सदर अस्पताल में रात के समय पोस्टमार्टम नहीं होता था, लेकिन अब रात में भी होने लगा है। इससे पीड़ित परिजनों के साथ-साथ पुलिस को भी सहुलियत होने लगी है। हालांकि अभी यह सभी मामले में आये शव को धड़ल्ले से...

राहत : रात में भी हो रहा पोस्टमार्टम
हिन्दुस्तान टीम,समस्तीपुरThu, 14 Nov 2019 12:16 AM
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सदर अस्पताल में रात के समय पोस्टमार्टम नहीं होता था, लेकिन अब रात में भी होने लगा है। इससे पीड़ित परिजनों के साथ-साथ पुलिस को भी सहुलियत होने लगी है। हालांकि अभी यह सभी मामले में आये शव को धड़ल्ले से तो पोस्टमार्टम तो नहीं किया जाता है, लेकिन अधिकतर मामले में रात में ही पोस्टमार्टम कार्य पूरा कर दिया जाता है। बता दें कि रात के समय कोई भी शव का पोस्टमार्टम करने में डीएम का आदेश अनिवार्य है।

मानवीय पहलू को देखते हुए डीएम शशांक शुभंकर की पहल पर अब रात में ही अधिकतर मामले में पोस्टमार्टम कार्य को पूरा करा लिया जाता है। जिसके बाद परिजन को शव सौंप दिया जाता है। शव सौंपने के साथ ही पुलिस भी दूसरे कार्य में लग जाती है। डीएम के इस पहल की आम लोगों में चर्चा है।

विदित हो कि सूर्यास्त के बाद शव के पोस्टमार्टम कार्य पर रोक है। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। इसके कारण सूर्यास्त के बाद शव आने पर परिजनों एवं पुलिस कर्मियों को रातभर अस्पताल में इंतजार करना होता था। एक तो हादसे के बाद पीड़ित परिवार स्वत: काफी परेशान रहते थे। उसके बाद शव के साथ रातभर अस्पताल में गुजारना उनके लिये काफी कष्टदायी होता था।

बताया जाता है कि विधि व्यवस्था की समस्या को देखते हुये पूर्व में भी डीएम के आदेश पर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी होती थी। जबकि अन्य मामले में सुबह होने का इंतजार किया जाता था। हालांकि डॉक्टरों की मानें तो अब अक्सर ही रात में ही डीएम के आदेश पर पोस्टमार्टम कर दिया जाता है।

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