हिन्दी व मैथिली साहित्य के युगपुरुष थे आरसी
महाकवि आरसी प्रसाद सिंह हिन्दी साहित्याकाश के ध्रुवतारा थे। उनकी साहित्य साधना आज भी प्रासंगिक है। उक्त बातें समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्रो. सीताराम सिंह सरोज ने कही। वे महाकवि आरसी प्रसाद सिंह की...
महाकवि आरसी प्रसाद सिंह हिन्दी साहित्याकाश के ध्रुवतारा थे। उनकी साहित्य साधना आज भी प्रासंगिक है। उक्त बातें समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्रो. सीताराम सिंह सरोज ने कही। वे महाकवि आरसी प्रसाद सिंह की 22वीं पुण्यतिथि पर संबोधित कर रहे थे।
एरौत उच्च विद्यालय के स्मृति सभागार में आयोजित पुण्यतिथि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मधेपुरा के डीसीएलआर व स्थानीय बहादुरपुर निवासी ललित कुमार सिंह ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि महाकवि आरसी ने राष्ट् स्तर पर साहित्य के ध्वज पताका को लहराने में अग्रणी भूमिका निभायी। संचालन कर रहे संजीव कुमार सिंह ने किया। समारोह को तिरपित झा, मृणाल आशुतोष, प्रधानाध्यापक वसंत कुमार, मोहन कुमार, लालू कुमार सिंह आदि ने भी संबोधित किया। इससे पूर्व स्मृति सभागार में मौजूद लोगों के द्वारा महाकवि की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर श्रद्धा निवेदित की गयी।