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बाढ़ में विस्थापन का दंश झेलते हैं लोग

विभूतिपुर प्रखंड के बूढ़ी गंडक नदी के किनारे बसे बेलसंडी तारा पंचायत के वार्ड-1 के बेलसंडीघाट और वार्ड-5 के फुलवरिया गांव लोग नदी की पानी बढ़ते ही बाढ़ का सामना करने को हर साल विवश हैं। दोनों गांवों...

बाढ़ में विस्थापन का दंश झेलते हैं लोग
हिन्दुस्तान टीम,समस्तीपुरSun, 17 Jun 2018 11:55 PM
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विभूतिपुर प्रखंड के बूढ़ी गंडक नदी के किनारे बसे बेलसंडी तारा पंचायत के वार्ड-1 के बेलसंडीघाट और वार्ड-5 के फुलवरिया गांव लोग नदी की पानी बढ़ते ही बाढ़ का सामना करने को हर साल विवश हैं। दोनों गांवों मिलाकर करीब एक हजार की आबादी को हर बार बाढ़ का समाना करना पड़ता है। इन दोनों गांव में अधिकतर मजदूर व कुछ किसान निवास करते हैं।

मजदूरी और खेती ही इनके जीवन यापन का साधन है। दोनों गांव के लोग नदी में पानी बढ़ने के बाद सुरक्षित आसरे की तलाश शुरू कर देते हैं। घर का समान और पशुओं को सुरक्षित स्थान रखने का ठिकानों की तैयारी करने लगते हैं। अधिकांश लोग नदी के तटबंध को ही अपना ठिकाना बनाते हैं। तटबंध पर ही मवेशी सहित स्वयं भी रहते हैं। इन गांवों में कुछ लोगों को पक्का भी मकान है। वे बाढ़ का पानी आने के बाद छत पर भी समान प्लास्टिक से ढंककर रखते हैं। परन्तु पानी बढ़ने पर घर छोड़ने की समस्या बनी रहती है। बाढ़ आने पर फसलें डूब जाती हैं और सड़क संपर्क भी भंग हो जाता है। चापकल डूब जाता है। दोनों गांवों में बाढ़ के समय आवागमन के लिए एकमात्र साधन नाव ही रह जाता है। दोनों गांव के लोगों ने अपने स्तर से पानी बढ़ते ही भाड़े पर अपनी ओर से नाव की व्यवस्था करते हैं। इसके लिए नाव वाले को अग्रिम दे चुके हैं। लोग मुसीबत की इस घड़ी में पलायन कर तटबंध को ही अपना शरण स्थली बना लेते हैं।

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