ट्रेन पकड़ने के लिए जान जोखिम में डालते हैं यात्री
आजादी से पूर्व स्थापित किसनपुर रेलवे स्टेशन को लगातार आंदोलन के बाद भी समस्याओं से मुक्ति नहीं मिली। इससे लोगों को प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए अब भी खतरा मोल लेकर पटरी पार करने को विवश होना पड़ता...
आजादी से पूर्व स्थापित किसनपुर रेलवे स्टेशन को लगातार आंदोलन के बाद भी समस्याओं से मुक्ति नहीं मिली। इससे लोगों को प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए अब भी खतरा मोल लेकर पटरी पार करने को विवश होना पड़ता है।
विदित हो कि समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर स्थित किसनपुर स्टेशन को समस्याओं से मुक्ति दिलाने के लिए लोगों ने कई बार आंदोलन किया। उन्हें इसके लिए आश्वासन भी मिले, लेकिन वे धरातल पर नहीं उतर सके। इस स्टेशन से कई एक्सप्रेस गाड़ियां गुजरती है। लेकिन उनका ठहराव यहां नहीं होता है। वर्ष 2010 से लेकर अब तक कई बार दैनिक यात्री संघ ने जानकी एक्सप्रेस के ठहराव के लिए धरना-प्रदर्षन व रेल रोको अभियान भी चलाया लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। ज्ञात हो कि किसनपुर में तीन प्रखंडों के लोग निबंधन कार्यालय में जमीन खरीद बिक्री करने आते हैं। इसके अलावा कैनरा बैंक व एसबीआई बैंक की शाखा भी है। साथ ही किसनपुर में बीटी उच्च विद्यालय व मध्य विद्यालय है जिसमें रामभद्रपुर स्टेशन से भी काफी छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं। बगल में वारिसनगर प्रखंड कार्यालय होने के कारण वहां के भी कई अधिकारी व कर्मी रेल से यात्रा करते हैं।
इन लोगों को एक्सप्रेस ट्रेन के ठहराव नहीं होने से आवागमन में परेशानी उठानी पड़ती है। दूसरी ओर फुट ओवरब्रिज नहीं होने के कारण आये दिन हादसे की स्थिति बनी रहती है। लोग अपनी जान जोखिम में डाल रेलवे ट्रैक को पार कर स्टेशन पर ट्रेन पकड़ने और टिकट कटाने आते हैं। समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड के दोहरीकरण के कार्य के कारण फिलहाल स्थिति और विकट बनी है। लोगों को ट्रेन पकड़ने में काफी परेषानी का सामना करना पड़ता है।
सांसद रामचंद्र पासवान बताया कि किसनपुर स्टेशन की समस्या से पूरी तरह अवगत हूं। स्टेशन पर ओवरब्रिज बनवाने के लिए संसद में संवाल भी उठाया था। जिस पर रेल मंत्री ने जल्द ही ओवरब्रिज बनवाने का आश्वासन दिया था। मौका मिलने पर फिर इसकी आवाज उठाउंगा।