बेटा-बेटी व बेटी-बहू के दोहरे मापदंड को बदलने की जरूरत: हरप्रीत कौर
एसपी हरप्रीत कौर ने कहा कि लड़कों को फ्रीडम मिलता है। जबकि लड़कियां फ्रीडम डिसर्व करती है। इस बदलाव को लाने के लिए छात्राओं को अपने अंदर की क्षमता को पहचान कर विकसित करने की जरूरत है। वहीं सामाजिक स्तर...
एसपी हरप्रीत कौर ने कहा कि लड़कों को फ्रीडम मिलता है। जबकि लड़कियां फ्रीडम डिसर्व करती है। इस बदलाव को लाने के लिए छात्राओं को अपने अंदर की क्षमता को पहचान कर विकसित करने की जरूरत है। वहीं सामाजिक स्तर पर बेटा-बेटी व बेटी-बहू के दोहरे मापदंड को बदलने की जरूरत है। इसमें महिलाएं अहम भूमिका निभा सकती हैं। वे शुक्रवार को डॉ़ राजेन्द्र प्रसाद प्रसाद केन्द्रीय कृषि विवि के विद्यापति सभागार में बोल रही थी। मौका था सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के तत्वावधान में आयोजित विश्व महिला दिवस समारोह के उद्घाटन सत्र का। कहा कि महिला सशक्तीकरण का मतलब बड़े पदों को सुशोभित करना ही नहीं है। इसमें अपने अभिभावको को सम्मान देना भी शामिल हैं।
स्वागत करते हुए डीन डॉ़ मीरा सिंह ने कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए स्वयं को सशक्त बनाने की जरूरत है। डीन नेएसपी को आईकॉन बताते हुए कहा कि लोगों खासकर छात्राओं को उनसे प्रेरणा लेने की जरूरत है। संचालन रीता मेहता एवं धन्यवाद डॉ़ उषा सिंह ने किया। इससे पूर्व कल्याणी ने सरस्वती बंदना प्रस्तुत कर दर्शको का मन मोह लिया। मौके पर विभागाध्यक्ष डॉ़ विमला राय, डॉ़पीडी शर्मा, पीएनबी के वरीय शाखा प्रबंधक स्वाति, कुलसचिव डॉ़ रवि नंदन, डीएसडब्लू डॉ़ एके मिश्रा समेत विभिन्न विभागों की विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक व छात्र मौजूद थे।